वर्ल्ड कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हरा दिया। इस हार के साथ वर्ल्ड कप 2019 में भारत का सफर खत्म हो गया है। न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 239/8 का स्कोर बनाया और भारत को जीत के लिए 240 रनों का लक्ष्य दिया। न्यूजीलैंड के लिए रॉस टेलर ने सबसे ज्यादा 74 रनों की पारी खेली। टेलर ने अपनी पारी में 90 गेंदों का सामना किया जिसमें उन्होंने 3 चौके और 1 छक्का लगाया।
न्यूजीलैंड से मिले 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम एक समय पर 5 रन पर 3 विकेट गंवा कर संकट में थी लेकिन रविंद्र जडेजा और धोनी के बीच हुई शतकीय साझेदारी ने टीम को एक बार फिर मुकाबले में वापस ला दिया लेकिन दुर्भाग्य से जडेजा और धोनी अंतिम ओवरों में आउट हो गए और टीम को हार का सामना करना पड़ा।
इस हार के बाद इस बात पर नज़र डालना जरूरी है कि आखिर भारतीय टीम इस मुकाबले में कैसे हार गई। इसी कड़ी में आइए एक नज़र डालते हैं भारतीय टीम के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के 5 बड़े कारणों पर:
रॉस टेलर और कप्तान केन विलियमसन की पारी
न्यूजीलैंड की ओर से एक बार फिर अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर और कप्तान केन विलियमसन ने अपनी शानदार पारियों की बदौलत टीम का स्कोर 239 तक पहुंचा। एक समय जहां टीम का रनों तक पहुंचना मुश्किल लग रहा था वहीं दोनों दिग्गज बल्लेबाजों ने अपनी शानदार अर्धशतकीय पारी से टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचया।
रॉस टेलर ने जहां 90 गेंदों पर 74 रनों की सधी हुई पारी खेली वहीं कप्तान केन विलियम्सन ने 95 गेंदों पर 6 चौकों की मदद से 67 रनों की पारी खेली। इन दोनों खिलाड़ियों की शानदार पारी की ही बदौलत न्यूजीलैंड 50 ओवरों में 239 रनों का स्कोर बना पाया।
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5 रन पर भारतीय टीम के 3 बड़े विकेट गिर जाना
240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने जब भारतीय टीम उतरी तो सभी फैंस को उम्मीदें थी भारतीय टीम इस मुकाबले को बड़े ही आराम से जीत लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वर्ल्ड कप 2019 में 5 शतक जड़ चुके रोहित शर्मा केवल 1 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद कप्तान विराट कोहली मैदान में उतरे लेकिन वह भी वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल की तरह इस बार भी 1 रन पर आउट हो गए।
2 बड़े विकेट गिरने के बाद लगा कि भारतीय टीम कमबैक करेगी लेकिन इस बीच केएल राहुल भी 1 रन बनाकर पवेलियन चलते बने। 5 रन पर 3 विकेट गिर जाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई। भले ही जडेजा और धोनी ने अर्धशतकीय पारियां खेली हो लेकिन टॉप 3 का फेल होना भी भारतीय टीम की हार का बड़ा कारण बना।
ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या का खराब शॉट खेलकर आउट होना
वर्ल्ड कप 2019 में जब ऋषभ पंत की एंट्री हुई तो फैंस को लगा कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो नंबर 4 पर बैटिंग कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं लेकिन सेमीफाइनल में उन्होंने जिस तरह का शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया उससे एक बार साफ है उन्हें अभी बड़े मैचों के लिए भरोसेमंद खिलाड़ी कहना सही नहीं है। सेमीफाइनल में जब पंत से बड़ी पारी की उम्मीद थी तब वह गलत समय पर खराब शॉट खेलकर 32 रन पर आउट हो गए।
यही कहानी हार्दिक पांड्या की भी रही। अच्छी लय में दिख रहे हार्दिक पांड्या ने अचानक से बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में अपनी विकेट गंवा दी। हमारे ख्याल से पंत और पांड्या का खराब शॉट खेलकर आउट हो जाना भी टीम की हार का बड़ा कारण रहा।
जडेजा का अंतिम समय में आउट होना
92 रनों पर 6 विकेट गिर जाने के बाद भारतीय टीम इस मुकाबले में हार के काफी करीब दिख रही थी लेकिन रविंद्र जडेजा ने एक बार फिर मौके का फायदा उठाते हुए शानदार पारी खेल डाली। जडेजा ने धोनी के साथ मिलकर न केवल 116 रनों की साझेदारी निभाई बल्कि भारतीय टीम की इस मुकाबले में वापसी भी कराई।
59 गेंदों पर 77 रनों की तूफानी पारी खेलने वाले जडेजा तब आउट हुए जब भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए 32 रनों की जरूरत थी। अपना आखिरी ओवर करने आए बोल्ट ने शानदार गेंद पर जडेजा को आउट कर भारतीय टीम को बड़ा झटका दे दिया। इसके बाद भारतीय टीम मुकाबले में वापसी नहीं कर सकी।
मार्टिन गप्टिल का धोनी को रन आउट करना
रविंद्र जडेजा के आउट होने के बाद सारी निगाहें धोनी पर टिक गईं थी। फैंस को उम्मीद थी कि एक बार धोनी अनहोनी को होनी करने वाले हैं। 49वें ओवर पर पहली गेंद पर जैसे ही धोनी ने छक्का मारा वैसे ही पूरा स्टेडियम धोनी-धोनी करने लगा।
लेकिन 49वें ओवर की तीसरी गेंद पर धोनी जैसे ही पहला रन पूरा करने के बाद दूसरा रन लेने भागे वह रन आउट हो गए। गप्टिल के शानदार डायरेक्ट हिट ने धोनी की पारी को यही समाप्त कर दिया और धोनी के आउट होती ही भारतीय टीम के जीत के सभी दरवाजे बंद हो गए और टीम 18 रनों से हार कर वर्ल्ड कप 2019 से बाहर हो गई।