इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप के लिए भारतीय टीम चुने जाने के बाद से पूर्व खिलाड़ियों में बहस शुरू हो गई है। पूर्व खिलाड़ी अपने-अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को टीम में न शामिल करने को लेकर नाराज नजर आ रहे हैं। पहले सुनील गावस्कर ऋषभ पंत को टीम में न लिए जाने पर आश्चर्य जता रहे थे। अब 2011 की विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अंबाती रायडू को टीम में न शामिल किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से ऋषभ पंत को मौके मिले और वह उसे भुना नहीं पाए। उस लिहाज से उनको लेकर बहस करना बेकार है।
गौतम गंभीर ने कहा कि महज तीन असफलताओं को देखकर रायडू को विश्वकप टीम से बाहर किया जाना दुखद है। यह चर्चा का विषय भी है। इस बल्लेबाज ने 48 के औसत से रन बनाए हैं और वह 33 वर्ष का अनुभवी खिलाड़ी है। फिर भी उसे टीम में जगह नहीं दी गई। टीम सिलेक्शन में अन्य किसी फैसले से ज्यादा दुखद मेरे लिए यह है। कुछ महीने पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने नंबर चार के लिए अंबाती रायडू को अपनी पहली पसंद बताया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में वह सफल नहीं रहे। मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।
रायडू को न चुने जाने पर मुझे अपने दिन याद आ गए। मुझे 2007 के विश्वकप में नहीं चुना गया था तो बहुत बुरा लगा था। मुझे मालूम था कि टीम को मेरी जरूरत है। मैं क्रिकेट छोड़ने पर विचार कर रहा था। हर किसी क्रिकेटर का सपना विश्वकप में खेलने का होता है। इस वजह से मुझे रायडू के लिए दुख हो रहा है। रही बात पंत की जगह दिनेश कार्तिक को चुनने की तो पंत को काफी मौके मिले पर वह उसका फायदा नहीं उठा सके। दिनेश पंत से ज्यादा अनुभवी हैं, जिसका उन्हें फायदा मिला है। मेरी नजर में दूसरे विकेटकीपर के रूप में संजू सैमसन भी बेस्ट हैं। वह अच्छे बल्लेबाज हैं और उनमें नंबर चार पर खेलने की काबिलियत है।
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