बलिदान बैज के साथ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर उतरने वाले भारतीय टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी को आखिरकार अपना ग्लव्स बदलना ही पड़ा। बीसीसीआई के दबाव डालने के बावजूद आईसीसी ने अपना रुख नहीं बदला। आखिरकार भारतीय बोर्ड और धोनी को नियमों के आगे झुकना पड़ा। नौ जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच में धोनी बलिदान बैज के चिह्न वाले ग्लव्स को पहनकर मैदान पर विकेटकीपिंग करने नहीं उतरे। धोनी के बाद अब एक और खिलाड़ी को आईसीसी से निराशा झेलनी पड़ी है। वो हैं वेस्टइंडीज के सबसे शानदार बल्लेबाज क्रिस गेल। उन्होंने अपने बैट पर यूनिवर्स बॉस का लोगो लगाने की नुमति मांगी थी, जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की लाख कोशिशों के बावजूद आईसीसी अपने नियमों का हवाला देकर अड़ा ही रहा। बीसीसीआई ने उसे इस बाबत पहले ही पत्र भेज दिया था लेकिन फिर भी वह नहीं माना। क्रिस गेल वाले मामले में भी आईसीसी ने उपकरण निमयों के उल्लंघन का हवाला दिया है। यूनिवर्स बॉस के नाम से मशहूर क्रिस गेल ने आईसीसी से अपने बल्ले पर इस लोगो को लगाने की इजाजत मांगी थी। इसके बाद आईसीसी की ओर से जवाब आया कि वह किसी भी व्यक्तिगत संदेश के लिए किसी भी कपड़ों या खेल उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि आईसीसी महेंद्र सिंह धोनी के लिए अपवाद नहीं बन सकता था। नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्तिगत संदेश को उपकरण पर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है। गेल के इरादे भी धोनी की तरह ही थे। उन्हें ऐसा करने से साफ मना कर दिया गया तो वह मान गए। आईसीसी अपने नियमों को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहा है। वह सभी टीमों को समान मानकर चल रहा है, जबकि पहले उम्मीद लगाई जा रही थी कि दुनिया के सबसे महंगे क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई के दबाव में आकर वह अपने नियम में धोनी को छूट दे सकता है पर उसने अपना ओहदा बनाए रखने के लिए ऐसा नहीं किया।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं।