30 मई से इंग्लैंड में शुरू होने वाले विश्वकप में मुकाबले काफी दिलचस्प देखने को मिलेंगे। इस बार विश्वकप के प्रारूप में बदलाव किया गया है। इस वजह से मुकाबले राउंड रॉबिन प्रारूप में होंगे। इसमें सभी दस टीमें एक-दूसरे से खेलेंगी। इस तरह सभी टीमें एक-दूसरे का सामना करने से बच नहीं पाएंगी। शायद, यही वजह है कि इस बार विश्वकप की दौड़ में कौन अव्वल आएगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी जोन्टी रोड्स का कहना है कि भले ही भारत के पास बेहतर 15 खिलाड़ी हों लेकिन इस बार विश्वकप के प्रारूप की वजह से किसी भी टीम को प्रबल दावेदार नहीं कहा जा सकता है।
जोन्टी रोड्स ने कहा कि विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम संतुलित जरूर है लेकिन बाकी टीमें भी उससे कम नहीं हैं। विश्वकप में कुछ बहुत मजबूत टीमें हैं। हालात के अनुसार, अंतिम ग्यारह खिलाड़ियों के चयन और प्रदर्शन पर ही सब निर्भर करेगा। भारत के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। जसप्रीत बुमराह जैसे बेहतरीन गेंदबाज हैं, जिनको डेथ ओवर में महारथ हासिल है। मैं इतना जानता हूं कि भारत के साथ छह टीमें और भी होंगी, जो विश्वकप में मजबूत टक्कर देंगी। इसमें वेस्टइंडीज की तो बात ही नहीं हो रही है। उसने फिर से अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। इस बार का प्रारूप ही कुछ ऐसा है कि सभी के लिए सेमीफाइनल में पहुंचने के रास्ते बराबर से खुले हैं।
आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले हार्दिक पांड्या के बारे में जोंटी रोड्स ने कहा कि विश्वकप में उनकी भूमिका अहम होगी क्योंकि वो बल्ले के साथ-साथ गेंदबाजी भी अच्छी कर लेते हैं। हालांकि, उन्हें टी-20 गेम के फॉर्मेट से निकलकर 50 ओवर वाले फॉर्मेट में खुद को फिट करना होगा। टी-20 में आप या तो सात गेंदे खेल सकते हो या फिर दो ओवर गेंदबाजी कर सकते हो पर वनडे फॉर्मेट में ऐसा नहीं है। वहां जरूरत पड़ने पर लंबा खेलने और लंबी गेंदबाजी करने की जरूरत पड़ती है। भारत का पहला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से पांच जून को साउथैम्पटन में होना है।
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