श्रीलंका ने विश्व कप में अब तक खेले पांच मुकाबलों में से एक में ही जीत हासिल की है। दो मैचों में उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा है और दो मैच बारिश की वजह से हो गए। एक वजह यह भी हो सकती है कि लगातार बनते-बिगड़ते मौसम और पिच के अलग मिजाज की वजह से श्रीलंका के खिलाड़ियों को खेलने में परेशानी आ रही हो। इस बात से पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर कुमार संगकारा भी इत्तेफाक रखते हैं। वह विश्वकप में प्रयोग की जा रही पिचों की विविधता से ज़रा भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े टूर्नामेंट के लिए एक समान विकेट की जरूरत पड़ती है लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा यहां नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वकप में हिस्सा लेने वाली टीमों को बदलते विकेटों के हिसाब से खेलना पड़ रहा है। यहां के तौर-तरीकों को लेकर टीमों के बीच अलग-अलग बातें हो रही है, जिसे समझना चाहिए। बारिश के दौरान श्रीलंका में पूरे मैदान को ढकने का चलन है लेकिन यहां ऐसा नहीं है। इसके लिए बहुत लोगों की जरूरत होती है लेकिन हमारे यहां इसे एक कला के रूप में लिया जाता है। हम पूरी तरह ग्राउंड को कवर करके बारिश से विकेट को बचाने की कोशिश करते हैं।
इंग्लैंड के क्रिकेट ग्राउंड्स के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर भी कुमार संगकारा नाखुश नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि मैदानों के ड्रेनेज सिस्टम अलग-अलग होते हैं। ब्रिस्टल में देखा गया कि धूप खिली हुई थी लेकिन मैदान गीला होने की वजह से मैच नहीं हो पाया, जबकि साउथैम्पटन में हफ्तेभर बारिश होने के बावजूद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच मैच खेला गया। संगकारा ने भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के लिए कहा कि उनका चोटिल होना भारत के लिए एक बड़ा झटका है। बड़े टूर्नामेंट में उनका रिकॉर्ड दमदार है। इस टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार शुरुआत की है।
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