एक वक्त था, जब ऑस्ट्रेलिया की टीम को मात देना मुश्किल था। उन्होंने लगातार विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन किया था। फिर चाहे वो 1999, 2003 या फिर 2007 का ही विश्व कप क्यों न हो। टीम ने लगातार तीन बार विश्व कप के खिताब पर कब्जा जमाया था। पिछली बार यानी 2015 का विश्वकप भी उनकी ही झोली में गया था। फिर भी जिस तरह का प्रदर्शन कंगारुओं का 2003 और 2007 में रहा था, वो काबिल-ए-तारीफ था। अब भारत के दिग्गज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया की 2003 और 2007 वाली टीम से भारत की तुलना की है। उन्होंने कहा है कि इस बार टीम इंडिया वैसा ही दबाव बनाएगी, जिस तरह ऑस्ट्रेलिया बनाया करती थी।
भारत ने अब तक टूर्नामेंट में अपने तीन मैचों में से दो में जीत दर्ज की है। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा मैच गुरुवार को बारिश की वजह से रद्द हो गया था।
अश्विन ने कहा कि भारत मौजूदा वर्ल्ड कप में उसी तरह दबदबा बनाएगा जैसे ऑस्ट्रेलिया ने 2003 और 2007 में बनाया था। कोहली की अगुवाई में टीम बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। उसके बल्लेबाज पूरी तरह फॉर्म में हैं। जिस तरह से भारत ने दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को मात दी है, उसने यह साबित कर दिया कि इस बार उनका विजय रथ रोकना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होगा।
टूर्नामेंट में भारत के स्पिन आक्रमण के बारे में अश्विन ने कहा कि युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव पिछले काफी समय से अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। खासकर युजवेंद्र चहल ने मुझे बहुत प्रभावित किया है।
ऑफ स्पिन गेंदबाजों को वनडे की प्लेइंग 11 में शामिल न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब चीजें जल्दी बदलेंगी। आजकल वैसे भी ऑफ स्पिन गेंदबाज ज्यादा नजर नहीं आते हैं। आज का क्रिकेट बदल गया है। आजकल ज्यादातर बल्लेबाज दाएं हाथ के आ रहे हैं। उनके लिए लेफ्ट आर्म स्पिनर की ज्यादा जरूरत रहती है। इसी वजह से ऑफ स्पिनर्स की क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में कमी हो गई है।
अश्विन ने आगे कहा कि अगर आईपीएल का 12वां संस्करण देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि हरभजन और मुझे ऑफ स्पिन गेंदबाजी की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी। गौरतलब है कि अश्विन नाटिंघमशर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए 23 जून को इंग्लैंड रवाना होंगे।
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