ऑस्ट्रेलियाई टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में चोटिल होने के बावजूद खेला और टीम को जीत दिलाई। ग्लेन मैक्सवेल रनिंग नहीं कर पा रहे थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखी। इसको लेकर टीम के कप्तान पैट कमिंस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ग्लेन मैक्सवेल मैदान से बाहर नहीं जाना चाहते थे और टीम को मैच जिताना चाहते थे।
ग्लेन मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में जबरदस्त धुआंधार पारी खेली। उन्होंने सिर्फ 128 गेंद पर 21 चौके और 10 छक्के की मदद से 201 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम को जीत दिला दी। एक समय ऑस्ट्रेलिया के 91 रन तक 7 विकेट गिर गए थे लेकिन इसके बाद मैक्सवेल और पैट कमिंस ने आठवें विकेट के लिए 202 रनों की अविजित साझेदारी कर टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी। इन दोनों की यह साझेदारी वनडे क्रिकेट इतिहास में आठवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू हॉल और जस्टिन कैंप ने आठवें विकेट लिए भारत के खिलाफ 2006 में 138 रनों की अविजित साझेदारी की थी।
ग्लेन मैक्सवेल मैदान में ही रहना चाहते थे - पैट कमिंस
मैच के बाद पैट कमिंस ने बताया कि किस तरह से मैक्सवेल ने क्रीज पर ही टिके रहने का फैसला किया। उन्होंने कहा,
हमारे न्यु साउथ वेल्स के दो खिलाड़ी मैदान में आने के लिए तैयार थे। एडम जैम्पा कई बार बाहर आए और फिर अंदर गए लेकिन मैक्सवेल मैदान से बाहर नहीं जाना चाहते थे। ये याद रखना जरूरी है कि आप कहीं से भी मुकाबला जीत सकते हैं। टीम के अंदर काफी विश्वास है और हम अब सेमीफाइनल में हैं।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मुकाबले में जबरदस्त जीत हासिल की। उन्होंने तीन विकेट से अफगानिस्तान को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने लगभग हारा हुआ मुकाबला अपने नाम किया।