ऑस्ट्रेलियाई टीम को वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में भारत से हार का सामना करना पड़ा। कई सारे लोगों का मानना है कि कंगारु टीम को स्पिनर की कमी खली। वहीं टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड (Josh Hazlewood) के मुताबिक फास्ट बॉलर्स ही ऑस्ट्रेलिया की स्ट्रेंथ हैं और वो आगे भी इस पर ही कायम रहेंगे। हेजलवुड ने कहा कि आने वाले मैचों में बल्लेबाजों को ज्यादा जिम्मेदारी के साथ खेलना होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने चेन्नई के टर्निंग ट्रैक पर टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया जो सही साबित नहीं हुआ। पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 49.3 ओवर में 199 रन पर सिमट गई। भारत के स्पिनर्स का परफॉर्मेंस इस मैच में काफी अच्छा रहा। भारत की तरफ से रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 28 रन देकर 3 विकेट लिए। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव ने भी दो-दो विकेट लिए। जवाब में टीम इंडिया ने इस टार्गेट को विराट कोहली और केएल राहुल के पारियों की बदौलत आसानी से हासिल कर लिया।
तेज गेंदबाजी हमारा मजबूत पक्ष हैं - जोश हेजलवुड
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से तेज गेंदबाजों ने तो विकेट निकाले लेकिन स्पिनर्स उतना ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए। कई सारे क्रिकेट एक्सपर्ट्स का ये मानना था कि कंगारू टीम में एक लेफ्ट ऑर्म स्पिनर होना चाहिए था और इससे काफी फर्क पड़ता। हालांकि जोश हेजलवुड का मानना है कि फास्ट बॉलिंग ही उनकी टीम का स्ट्रेंथ है। उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा,
हमारे तेज गेंदबाज हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं, जैसा हमने आज के मैच में देखा। हो सकता है कि हमें इस तरह के कंडीशंस दोबारा मिलें और जो आठ मैच अभी बचे हैं, वहां के ग्राउंड्स भी ऐसे ही हों। इसलिए बैटिंग ग्रुप को एक प्लान के तहत आना होगा और अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। आंकलन करने के बाद हम कह सकते हैं कि इस पिच पर 300 प्लस की बजाय 260 का स्कोर काफी अच्छा होता।