क्रिकेट हो या फिर कोई अन्य खेल हो उसमें कप्तान का महत्व सबसे अधिक होता है। वर्ल्ड कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में कप्तान के ऊपर दबाव थोड़ा बढ़ जाता है क्योंकि उसके सामने विश्व की सबसे बड़ी टीमें होती है साथ ही उन्हें अपने देश की जनता के विश्वास पर भी खरा उतरना होता है। क्रिकेट इतिहास में अब तक 11 बार एकदिवसीय वर्ल्ड कप खेला जा चुका है जिसमें वेस्टइंडीज ने 2 बार, भारत ने 2 बार, श्रीलंका ने एक बार पाकिस्तान ने एक बार और ऑस्ट्रेलिया ने सर्वाधिक 5 बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता है जबकि विश्व की मजबूत टीमों में शुमार दक्षिण अफ्रीका न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने कभी भी वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीता है।
आज हम बात करने जा रहे हैं वर्ल्ड कप के 10 सफल कप्तानों के बारे में जिनकी अगुवाई में उनकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है।
#10. माइकल क्लार्क:
माइकल क्लार्क की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। वे एलन बॉर्डर, स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग के बाद चौथे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ल्ड कप का खिताब जीता है। माइकल क्लार्क ने कप्तान के रूप में अपने वर्ल्ड कप करियर में 7 मैचों में हिस्सा लिया, जिसमें उन्हें 6 मैचों में जीत हासिल हुई।
#9. महेंद्र सिंह धोनी:
महेंद्र सिंह धोनी जब कप्तान बने तो उसके एक माह बाद ही उन्होंने भारत को वर्ल्ड टी20 चैंपियनशिप का खिताब दिलाया। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंची थी। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारत ने 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में शानदार फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने उतरे थे। उन्होंने लांग ऑन पर छक्का जड़कर भारत को जीत दिलाई थी। महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप इतिहास में 17 मैचों में कप्तानी की है जिसमें उन्होंने 14 मैचों में जीत और 2 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि एक मैच टाई हुआ है।
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#8. सौरव गांगुली (भारत):
सौरव गांगुली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2003 में वर्ल्ड कप खेला था। न्यूजीलैंड के खिलाफ 5-2 से वनडे सीरीज और 2-0 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम के ऊपर सवाल उठने लगे थे कि क्या यह टीम वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी? लेकिन सौरव गांगुली के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि उन्हें फाइनल में आस्ट्रेलिया खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को एक बार फिर से जिंदा कर दिया था। गांगुली ने अपने वर्ल्ड कप करियर में 11 मैचों में कप्तानी की थी जिसमें उन्हें 9 मैचों में जीत हासिल हुई थी।
#7. एलन बॉर्डर (ऑस्ट्रेलिया):
साल 1987 का वर्ल्ड कप सफेद कपड़ो में खेला गया अंतिम वर्ल्ड कप था। उनके नेतृत्व में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। यह पहला वर्ल्ड कप था जिसका फाइनल दो गैर एशियाई देशों के बीच एशियाई मैदान पर खेला गया था। एलन बॉर्डर ने उस साल इंग्लैंड को हराकर खिताब पर कब्जा किया था। एलन बॉर्डर ने 1987 से 1991 तक वर्ल्ड कप के 16 मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें 11 मैचों में जीत हासिल हुई।
#6. रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया):
रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने दो बार (2003 और 2007) वर्ल्ड कप का खिताब जीता है। रिकी पोंटिंग ने वर्ल्ड कप इतिहास में 29 मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें 26 मैचों में जीत हासिल हुई जबकि एक मैच नो रिजल्ट रहा। रिकी पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया के ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे सफल कप्तान हैं।
#5. स्टीव वॉ (ऑस्ट्रेलिया):
स्टीव वॉ के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने 1999 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। सेमीफाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका से बराबरी का मैच होने के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम फाइनल में पहुंची थी। स्टीव वॉ ने उस टूर्नामेंट में 398 रन बनाए थे। वे इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में शाई शॉर्ट के बाद दूसरे स्थान पर थे। स्टीव वॉ ने वर्ल्ड कप इतिहास में 10 मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें 7 मैचों में जीत हासिल हुई।
#4. अर्जुना राणातुंगा (श्रीलंका):
अर्जुना राणातुंगा के नेतृत्व में श्रीलंका टीम ने 1996 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। अर्जुना राणातुंगा श्रीलंका क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं। मुथैया मुरलीधरन जैसे गेंदबाज को आगे बढ़ाने का श्रेय राणातुंगा को ही जाता है। अर्जुना राणातुंगा ने वर्ल्ड कप इतिहास में श्रीलंका की ओर से 11 मैचों में कप्तानी किया है जिसमें उन्हें 8 मैचों में जीत हासिल हुई है।
#3. कपिल देव (भारत):
कपिल देव ने भारत को 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब दिलवाया था। कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में दो लगातार बार चैंपियन रह चुकी वेस्टइंडीज को 34 रनों से हराया था। कपिल देव ने 1983-1987 तक वर्ल्ड कप में 15 मैचों में कप्तानी की, जिसमें उन्हें 11 मैचों में जीत हासिल हुई।
#2. क्लाइव लॉयड:
क्लाइव लॉयड ने 3 बार (1975, 1979 और 1983) वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज टीम का नेतृत्व किया था। उन्होंने शुरुआती 2 वर्ल्ड कप में अपने टीम को खिताब भी दिलाई। साल 1983 में भी वेस्टइंडीज टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था जिसमें उसे भारत के खिलाफ 34 रन से हार का सामना करना पड़ा था। क्लाइव लॉयड के अलावा अन्य कोई भी कैरिबियाई कप्तान वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीत पाया है। क्लाइव लॉयड ने अपने वर्ल्ड कप करियर में 17 मैचों में कप्तानी की थी जिसमें उन्हें 15 मैचों में जीत हासिल हुई थी।
#1. इमरान खान:
इमरान खान की अगुवाई में पाकिस्तान ने 1992 में पहला और इकलौता वर्ल्ड कप खिताब जीता था। फाइनल मैच में इमरान खान ने इंग्लैंड के खिलाफ 72 रनों की पारी खेली थी और एक विकेट भी लिया था। इमरान खान ने अपने वर्ल्ड कप करियर में 22 मैचों में कप्तानी किया था जिसमें उसे 14 मैचों में जीत हासिल हुई थी।