दक्षिण अफ्रीका की टीम चोकर्स के नाम से प्रसिद्ध है। मजबूत टीम होने के बावजूद भी प्रोटियाज टीम आज तक खिताब जीतने में असफल रही है। दक्षिण अफ्रीका की टीम अब तक सेमीफाइनल के सफर से आगे नहीं बढ़ पाई है। अब तक प्रोटियाज टीम चार बार सेमीफाइनल में पहुँची है और अहम मुकाबले में हारकर बाहर हो गई है।
अगर किस्मत के पैमाने में सभी टीमों का आंकलन किया जाए तो दक्षिण अफ्रीका की टीम विश्व कप में निश्चित ही सबसे दुर्भाग्यशाली कही जाएगी। आज हम इतिहास के एक ऐसे ही मैच का ज़िक्र करेंगे, जिसमे दक्षिण अफ्रीका की टीम नजदीकी मुकाबले में हारकर बाहर हो गई थी।
साल 1992 में विश्व कप की प्रतियोगिता का प्रारूप राउंड रॉबिन था। दक्षिण अफ्रीका ने 8 में से 5 मैच जीतकर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का किया। अब सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के सामने इंग्लैंड की चुनौती थी।
बारिश से प्रभावित इस मैच में इंग्लैंड टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 45 ओवरों में 252 रन बनाए। जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम लक्ष्य के काफी करीब थी और इतिहास रचने ही वाली थी तभी किस्मत ने करवट बदली और बारिश के कारण मैच रोका गया। जिस समय बारिश से खेल रोका गया उस समय दक्षिण अफ्रीका को 13 गेंदो में 22 रनों की दरकार थी। जब खेल दोबारा से शुरू हुआ तब डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर टीम के सामने 1 गेंद पर 22 रन का लक्ष्य था, जिसे हासिल करना नामुमकिन था। बड़े ही दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से दक्षिण अफ्रीका की टीम मैच हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हुई थी।
गौरतलब है कि इस बार दक्षिण अफ्रीका की टीम फॉफ डू प्लेसी की अगुवाई में उतरेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये टीम अपने नाम के आगे से चोकर्स का तमगा हटवा पाती है या नही।
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