2019 की आईसीसी विश्व कप प्रतियोगिता धीरे- धीरे अब कुछ रोमांचक होता जा रही हैं | दर्शकों को इस विश्व कप में कई ऐसे मैच देखने को मिल रहे हैं जिनमें बड़े ही नजदीकी फासले से हार जीत का अंतर नजर आ रहा है| इंग्लैंड के मैनचेस्टर में आईसीसी विश्व कप (2019) की प्रतियोगिता में खेला गया वेस्टइंडीज बनाम न्यूजीलैंड का मैच अंत तक दर्शकों की सांसों को रोक कर रख देने वाला रहा | यह मैच न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन के शानदार 148 रनों से कहीं अधिक वेस्टइंडीज के कार्लोस ब्रैथवेट की 101 रनों की साहसिक पारी के लिए याद किया जाएगा | मात्र 5 रनों से आईसीसी विश्व कप 2019 का 29 वां मैच हारने वाली वेस्टइंडीज टीम ने अंतिम ओवरों तक न्यूजीलैंड को परेशान कर के रखा था |
ठीक कुछ इसी तरह विश्व कप 2019 में एक दूसरा रोमांचक मैच भारत बनाम अफगानिस्तान के बीच देखने को मिला था | इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली (67) तथा केदार जाधव (52) के अर्धशतक की बदौलत 50 ओवेरों में 221 रन ही बना पाया था, मगर भारत को 11 रनों से जीत जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी और शमी की हैट्रिक के दम पर हासिल हुई |
वैसे अनिश्चिताओं के खेल क्रिकेट के विश्व कप इतिहास में ऐसे कई ही ऐसे रोमांचक मैच देखने को मिले हैं जिसमें दर्शकों ने साँसों को थाम कर अंतिम गेंद तक हार-जीत का इंतजार किया है | लेकिन विश्व कप इतिहास में कुछ ऐसे भी रोमांचक मैच रहे हैं जिनमें हार जीत का फैसला मात्र 1 रन हुआ था | संयोग से यह दोनों मुकाबले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए|
आइये आगे की स्लाइड्स में जानते हैं वर्ल्ड कप इतिहास के उन मैचों के बारे में जिसमें जीत का अंतर मात्र 1 रन था :
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ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत (विश्व कप – 1987)
सन 1987 में भारत में आयोजित रिलायंस क्रिकेट वर्ल्ड कप प्रतियोगिता के दौरान चेन्नई के चेपक स्टेडियम में खेले गए ऑस्ट्रेलिया और भारत के रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 1 रन से जीत दर्ज की थी | इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपने ओपनर ज्योफ मार्श के शतक (110) की बदौलत 270 रनों का स्कोर खड़ा किया था | जबाब में बल्लेबाजी करने उतरी उस समय की भारतीय टीम ने भी जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया था | इस पारी में अपने अंतर्राष्ट्रीय वन डे करियर का पदार्पण कर रहे रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने 5 छक्कों की मदद से 73 रन बनाए थे | सिद्धू के साथ चीका के नाम से मशहूर आक्रामक बल्लेबाज कृष्णामचारी श्रीकांत ने भी 70 रनों का योगदान दिया था | इन दोनों के साहसिक प्रदर्शन के बावजूद भारत अंत में इस मैच को एक रन से हार गया था |
ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत (विश्व कप- 1992)
इस सूची का दूसरा मैच भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने वर्षा से प्रभावित मैच में भारत को 1 रनों से हरा दिया था | 1 मार्च 1992 को ब्रिसबेन में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था | डीन जोंस के 90 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवेरों में 237 का का ठीक-ठाक स्कोर खड़ा कर दिया था | वर्षा से प्रभावित इस मैच की दूसरी पारी में 47 ओवेरों में 236 रन का रिवाइज्ड टारगेट लेकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 234 रन ही बना सकी थी | भारतीय टीम के विकेट कीपर किरण मोरे ने अंतिम ओवरों में 2 चौके लगा कर जीत की आस को बरक़रार रखा था | मैच के आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन बनाने थे मगर टीम 11 रन ही बना सकी थी |