Changes In WTC Next Cycle : आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का रोमांच अब अपने फाइनल की तरफ अग्रसर है। टेस्ट चैंपियनशिप के तीसरे एडिशन का खिताबी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। इस तीसरे एडिशन के खत्म होने के बाद ही अगली टेस्ट चैंपियनशिप के लिए आईसीसी कुछ बड़े बदलाव करने जा रही है।
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 में होंगे अहम बदलाव
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 साईकिल का फाइनल मैच 11 से 15 जून तक लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में खेला जाएगा। इस मैच के खत्म होने के बाद चौथे एडिशन का आगाज होने से ठीक पहले इस इवेंट में आईसीसी कुछ बड़े बदलाव करने की तरफ देख रही है। जिसे भारत और इंग्लैंड के बीच जून में होने वाली 5 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत से पहले लागू कर दिया जाएगा।
जी हां...टेलीग्राफ स्पोर्ट्स में छपी रिपोर्ट की माने तो आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के चौथे संस्करण में बदलाव किया जाएगा। टेलीग्राफ स्पोर्ट्स के सूत्रों के हवाले से इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के चैयरमैन रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि,
"यह पूरी तरह से समझा जा चुका है कि मौजूदा स्ट्रेक्चर उस तरह से काम नहीं करती है जैसा उसे करना चाहिए और हमें एक निष्पक्ष, बेहतर प्रतिस्पर्धा को लाने की जरूरत है, लेकिन इस स्तर पर कोई सिफारिशें सामने नहीं आई हैं।"
ईसीबी चैयरमैन ने आगे कहा कि,
"हमारे पास इस पर काम करने के लिए 5 महीने हैं, पीछे जाए और देखें कि आगे क्या स्ट्रेक्चर होना चाहिए। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप निष्पक्ष और ज्यादा प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव जा रहा है कि यह हमेशा सर्वश्रेष्ठ टीमों को फाइनल में पहुँचने के लिए प्रोत्साहित करे और बाकी देशों को जो टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं, उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करे। हम टेस्ट क्रिकेट की अखंडता की रक्षा करेंगे, उसे बढ़ाएंगे और सुनिश्चित करेंगे क्योंकि यह फॉर्मेट गेम के डीएनए के लिए महत्वपूर्ण है।
अभी तक बिग-3 के रूप में स्थापित हो चुके भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ही ऐसी टीमें हैं, जो हर बार 15 या उससे ज्यादा टेस्ट मैच एक एडिशन में खेल रही हैं। इन टीमों के बीच 4 या 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाती है। तो वहीं दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमें एक संस्करण में बहुत कम टेस्ट मैच खेलती हैं। जहां इन टीमों के बीच ज्यादातर 2 मैचों की टेस्ट सीरीज होती है। ऐसे में अब सभी टीमों के साथ समानता को देखते हुए इसमें बदलाव किया जा सकता है।