भारत (India) और न्यूजीलैंड (New Zealand) के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल महीनों से बहुप्रतीक्षित इवेंट था और आखिरकार जब यह दिन आया, तो खराब लाइट और बारिश ने मजा किरकिरा कर दिया । पहला दिन लगातार बारिश से धुल गया। दूसरे दिन भी अंत में खराब लाइट के कारण खेल रद्द कर दिया गया। इसी को लेकर पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने कहा है कि खराब रौशनी पर बेहतर नियम होने चाहिए।
संजय मांजरेकर ने ESPN से बातचीत में कहा कि नियम थोड़े उचित हो सकते हैं। खराब रौशनी की अवधारणा यह है कि आप इतने नुकसान में हैं कि एक बल्लेबाज गेंद को नहीं देख सकता है और वे आउट हो सकते हैं या चोटिल हो सकते हैं। लेकिन वह पैमाना अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब हमें एक खास तरह की समझ है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। जाहिर है कि अधिकारी अब अतिरिक्त सावधानी बरतने के पक्ष में हैं। बहुत कम ही आपने अधिकारियों को खिलाड़ियों की इच्छा के विरुद्ध खेल जारी रखते हुए देखा होगा। मैंने कई मौकों पर मैदान पर खेल को कवर किया है और खेल को बंद कर दिया गया, इसमें ऐसा भी नहीं था कि अँधेरा हो गया और गेंद दिखेगी नहीं।
साउथैम्पटन में चल रहे वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में भारतीय टीम पहली पारी में 217 रन बनाकर आउट हो गई। भारत के लिए अजिंक्य रहाणे ने सबसे ज्यादा 49 रन बनाए। विराट कोहली के बल्ले से 44 रन आए। न्यूजीलैंड के लिए काइल जैमिसन ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट चटकाए।
जवाब में खेलते हुए चाय के समय तक न्यूजीलैंड की टीम ने धीमी शुरुआत करते हुए बिना किसी नुकसान के 36 रन बनाए। भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों को पिच से उतनी मदद नहीं मिली। कीवी गेंदबाज इस मामले में आगे नजर आए।