भारत के अंडर 19 विश्व कप विजेता कप्तान यश धुल (Yash Dhull) ने इस सप्ताह की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच से पहले अपनी टीम के लिए विराट कोहली की बातचीत के प्रभाव के बारे में बताया है। कोहली भी बतौर अंडर 19 कप्तान खिताबी जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। उन्होंने इस बार की इस अंडर 19 टीम से अहम बातचीत की थी। इसके बाद भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को हराते हुए खिताब हासिल किया।
एनडीटीवी से बातचीत में धुल ने बताया कि उन्होंने (कोहली) कहा कि किसी भी अन्य मैच की तरह फाइनल खेलें। फाइनल का दबाव मत लो। उनसे बात करने से मुझे बहुत फायदा हुआ। आपने देखा होगा कि टीम दबाव में नहीं खेली। विराट भैया के अनुभव से टीम को काफी फायदा हुआ।
फाइनल में जीतने के बाद हुए जश्न को लेकर धुल ने कहा कि हमने सबसे पहले मैदान पर जश्न मनाया। फिर टीम मीटिंग हुई और उसके बाद जश्न मनाया गया। अब हमें जमीन पर टिके रहना है। हम जानते हैं कि आगे का सफर यहीं से तय करना है, इसलिए हमें अपने पैर जमीन पर मजबूती से टिकाए रखने की जरूरत है।
![भारत ने पांचवीं बार अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता है](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/02/cf361-16442474406812-1920.jpg 1920w)
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड की टीम को हर विभाग में पीछे छोड़ दिया। इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 189 रन बनाए। भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें पूरे ओवर खेलने से पहले ही आउट कर दिया। इसके बाद भारतीय टीम ने 6 विकेट पर 195 रन बनाते हुए मुकाबला जीत लिया। भारतीय टीम की खास बात यह भी रही कि वे अजेय रहे। लीग मैचों से नॉक आउट का सफर तय करते हुए भी टीम इंडिया को पराजय का सामना नहीं करना पड़ा। इससे फाइनल में उनके प्रदर्शन और मनोबल पर भी सकारात्मक असर पड़ा। भारत ने पांचवीं बार ख़िताब हासिल किया।