पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज यूनिस खान ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के द्वारा दिए गए उनके आदर को लेकर फेयरवेल इवेंट के न्यौते को ठुकरा दिया है। यूनिस खान के साथ साथ पिछले कुछ महीनों में मिस्बाह उल हक और शाहिद अफरीदी ने भी पाकिस्तान क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। पिछले साल शाहिद अफरीदी को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में फेयरवेल देने का विचार बनाया था लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई थी। टी20 सीरीज के बाद मिस्बाह उल हक और यूनिस खान ने पाकिस्तान टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीताने में अपना अहम योगदान दिया था। यूनिस खान ने बोर्ड के फेयरवेल फैसले को मना करते हुए कहा कि मैं नहीं सोचता कि अब फेयरवेल इवेंट का कोई मतलब होगा। मैं और मिस्बाह इस साल मई में रिटायर हुए थे और अब इस इवेंट का कोई फायदा मुझे नजर नहीं आता है। दूसरे देशों में सभी कप्तान या दिग्गज खिलाड़ियों को मैच या उन्ही दिनों में फेयरवेल दी जाती है और उनका बखूबी सम्मान किया जाता है। यूनिस खान ने सम्मान समारोह में जाने के लिए मना करते हुए आगे कहा कि कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से पीसीबी द्वारा रिटायर होने के 45 दिन तक मुझे पैसे भी नहीं मिले और पीसीबी से इस तरह का असम्मान ही काफी था। मेरे लिए प्राइड और रिस्पेक्ट से ज्यादा कुछ नहीं है और मुझे लगता है कि बोर्ड को इस तरह की हरकतें किसी और दिग्गज ख़िलाड़ी के साथ नहीं करनी चाहिए। यूनिस खान ने पीसीबी के प्रति नाराजगी जाहिर की और इस दिग्गज ख़िलाड़ी ने पाकिस्तान के लिए 400 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं, साथ ही पाकिस्तान के इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने 10 हज़ार से अधिक टेस्ट रन बनाये हैं। यूनिस खान 2009 में पाकिस्तान द्वारा जीते गए टी20 वर्ल्ड कप के कप्तान भी रहे थे।