अक्टूबर 2000 में अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पहली पारी में ही अपनी काबिलियत को दिखा दिया था। 2000 लेकर 2019 तक खेलने वाले युवराज सिंह का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन जब भारत को मैच जिताने की आती है, तो युवराज सिंह ज्यादातर मौकों पर फैंस को बिल्कुल भी निराश नहीं किया।
भारतीय टीम 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप को जीता था और इसका श्रेय काफी हद तक युवराज सिंह को ही जाता है। युवराज सिंह ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 400 से ज्यादा मुकाबले खेले और भारत को मुश्किल परिस्थिति से निकालते हुए कई यादगार जीत दिलाई है।
युवराज सिंह ने अपने करियर में 17 शतक और 71 अर्धशतक लगाए। उनका वनडे में सर्वाधिक स्कोर 150 रन, टेस्ट क्रिकेट में 169 रन और टी20 अंतर्राष्ट्रीय में 77 रन हैं।
इस आर्टिकल में युवराज सिंह द्वारा खेली गई ऐसी पारियों के ऊपर नजर डालेंगे जिन्हें फैंस कभी नहीं भूलपाएंगे:
#) 2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल vs ऑस्ट्रेलिया (30 गेंदों में 70 रन)
दक्षिण अफ्रीका में पहला टी20 वर्ल्ड कप खेला गया था, जिसे भारत ने जीता था। हालांकि सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था, जोकि काफी मुश्किल मैचों में से एक था। युवराज सिंह ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से भारत के लिए राह काफी आसान कर दी। पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवरों के बाद भारत का स्कोर 41-2 था और दोनों सलामी बल्लेबाज आउट हो गए थे। इस समय भारतीय टीम मुश्किल में नजर आ रही थी, लेकिन तभी युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आए।
युवराज सिंह ने 30 गेंदों में 5 चौके और 5 छक्कों की मदद से 70 रन बनाए और अपना अर्धशतक उन्होंने सिर्फ 20 गेंदों में ही पूरा कर लिया था। इस मैच में उनका स्ट्राइक रेट 233.33 का रहा, उन्हें रॉबिन उथप्पा और महेंद्र सिंह धोनी का अच्छा साथ मिला। युवी की तूफानी अर्धशतकीय पारी की बदौलत ही भारत ने 188-5 का विशाल स्कोर खड़ा किया। अंत में ऑस्ट्रेलिया की टीम 177-7 का स्कोर ही बना पाई और 11 रनों से सेमीफाइनल को हार गई।
युवराज सिंह ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तूफानी बल्लेबाजी की, निश्चित ही फैंस इस पारी को कभी भी नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया को उस समय हराना बहुत मुश्किलों कामों में से एक होता था। युवी को उनकी धुआंधार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।
#) 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल vs इंग्लैंड (63 गेंदों में 69 रन)
जुलाई 2002 में इंग्लैंड और भारत के बीच लॉर्ड्स में नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला गया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 325-5 का विशाल स्कोर खड़ा किया और फाइनल में भारत को 326 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 24 ओवरों तक 146-5 हो गया था और टीम काफी मुश्किल में नजर आ रही थी।
हालांकि जैसे कहते हैं किसी भी खिलाड़ी की पहचान इसी पैमाने पर होती है कि वो दबाव में कैसा प्रदर्शन करता है। युवराज सिंह ने भी कुछ वैसा ही किया और मोहम्मद कैफ के साथ शानदार साझेदारी करते हुए भारत को मुश्किल परिस्थिति से निकालते हुए अच्छी स्थिति में पहुंचाया। युवराज सिंह ने 63 गेंदों में 9 चौके और एक छक्के की मदद से 69 रन बनाए। इस पारी में उनका स्ट्राइक रेट 109.52 का रहा।
अंत में मोहम्मद कैफ ने नाबाद रहते हुए भारत को 2 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल की जीत को भारत की सबसे बड़ी जीतों में से एक के रूप में देखा जाता है और इसी वजह से कैफ और युवी के बीच हुई साझेदारी को हमेशा ही याद रखा जाएगा।
#) 2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल vs ऑस्ट्रेलिया (65 गेंदों में 57* रन)
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मार्च 2011 में अहमदाबाद में वर्ल्ड कप का क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए रिकी पोंटिंग की शतकीय पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 260-6 का स्कोर खड़ा किया। युवराज सिंह ने गेंद के साथ दमदार गेंदबाजी करते हुए दो विकेट लिए थे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम का स्कोर 38वें ओवर में 187-5 हो गया था और टीम काफी मुश्किल में नजर आ रही थी। हालांकि इस वर्ल्ड कप के हीरो युवराज सिंह अभी खेल रहे थे और उन्होंने हार नहीं मानी थी। युवराज सिंह ने सुरेश रैना के साथ 74 रनों की नाबाद साझेदारी करते हुए भारत को 5 विकेट से यादगार जीत दिलाई।
युवराज सिंह ने 65 गेंदों में 8 चौकों की मदद से नाबाद रहते हुए 57 रन बनाए। युवराज की यह पारी इसलिए भी खास थी, क्योंकि वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन काफी जबरदस्त रहा था और वो लगातार तीन वर्ल्ड कप जीत चुके थे और युवी ने उनका चौथी बार खिताब जीतने का सपना हमेशा के लिए तोड़ दिया। इसी वजह से युवी की इस पारी को खास महत्व दिया जाता है।