भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। युवराज के ऊपर पिछले साल युजवेंद्र चहल को जातिसूचक शब्द कहने बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। लॉकडाउन के दौरान यह घटना हुई थी। इसके बाद मामले में अब कार्रवाई हुई है। हालांकि युवराज ने उस समय घटना को लेकर माफ़ी भी मांग ली थी। खबरों के अनुसार युवराज जांच के लिए शामिल हुए थे और हांसी पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था लेकिन हाई कोर्ट से उन्हें अंतरिम बेल मिल गई।
पिछले साल कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में खिलाड़ियों को इन्स्टाग्राम पर वीडियो चैट करते हुए देखा गया था। रोहित शर्मा और युजवेंद्र चहल भी एक वीडियो कॉल में बातचीत कर रहे थे और युवराज सिंह ने एक जातिसूचक शब्द से चहल को संबोधित किया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और युवराज के ऊपर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग उठी। मुकदमा भी दर्ज किया गया था। हालांकि युवराज सिंह ने इस पर कहा कि उनका इरादा किसी समुदाय को ठेस पहुंचाने का नहीं था। वह अनजाने में इस्तेमाल हुए अपने शब्दों के लिए माफ़ी भी मांगते हैं। हालांकि इस माफ़ी के बाद भी मुकदमा बरकरार रहा और अब युवी को लेकर हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की है।
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें जातिवादी टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो रिहा किया जाए। न्यायमूर्ति अमोल रतन सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ पिछले साल एक इंस्टाग्राम चैट के दौरान अपने पूर्व साथी युजवेंद्र चहल के खिलाफ उनकी कथित जातिवादी टिप्पणी पर उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की मांग करने वाली युवराज सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।