भारतीय टीम को 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह ने आज अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। युवी ने एक शॉर्ट मूवी दिखाकर क्रिकेट को अलविदा कहा। युवराज सिंह ने रिटायरमेंट मैच नहीं मिल पाने को लेकर भी अहम बयान दिया और साथ ही में अपने पसंदीदा कप्तान के बारे में बताया।
मुंबई में पत्रकारोंं से बातचीत करते हुए युवराज सिंह ने कहा, " 25 साल के करियर के बाद मैंने सोचा कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। क्रिकेट ने मुझे सबकुछ दिया है और मेरे सफर में साथ रहने के लिए सबका शुक्रिया। मैंने अपने करियर में काफी दोस्त बनाए है. लेकिन मैंने कभी खुद के ऊपर विश्वास करना नहीं छोड़ा। मैंने पिछले साल ही सोच लिया था कि मैं कि इस साल का आईपीएल मेरा आखिरी मेरा आखिरी होगा। मुझे अगर खेलने का मौका मिलता, तो मेरा करियर हाई पर खत्म हो सकता था। मेरे लिए 2011 वर्ल्ड कप जीतना, मैन ऑफ द सीरीज मिलना सपने की तरह था।"
युवराज सिंह ने भारत के लिए 2000 में डेब्यू किया था और अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 400 से ऊपर मैच खेले हैं और भारत को कई यादगार जीत दिलाई है। अपने पसंदीदा कप्तान के बारे में पूछे जाने पर युवी ने कहा कि सौरव गांगुली की कप्तानी में मैंने डेब्यू किया, तो वो मेरे लिए खास रहेंगे और साथ ही में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में हमने कई बड़ी ट्रॉफी जीती है।
युवी से रिटायमेंट मैच के बारे में भी सवाल पूछा गया, जिसके बारे में युवी ने कहा,
मैंने कभी भी रिटायरमेंट मैच की मांग नहीं की। मुझसे कहा गया था कि यो-यो टेस्ट पास कर लो , नहीं तो संन्यास का ऐलान कर दो, लेकिन मैंने यो-यो टेस्ट को पास किया।
हालांकि युवी ने भले ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया कि, लेकिन उन्होंने साफ किया कि वो कुछ लीग्स में खेलते हुए नजर आ सकते हैं और अब उनका ध्यान सिर्फ एंजॉय करने पर ही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वो इंडिया की जर्सी को काफी मिस करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 2014 वर्ल्ड टी20 फाइनल में खेली गई पारी उनके करियर की सबसे बेकार पारी थ
युवराज सिंह का करियर काफी सफल रहा है और उनकी गिनती हमेशा ही भारतीय टीम के महान खिलाड़ियों में ही की जाएगी। उनको भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।