2019 वर्ल्ड कप (World Cup) में भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का सफर सेमीफाइनल में ही समाप्त हो गया था। टीम को न्यूजीलैंड ने 18 रनों से हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया था। भारत ने लीग चरण में बेहतरीन खेल दिखाया था लेकिन कीवी टीम के खिलाफ 240 रनों का लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन देखने को मिला था। रविंद्र जडेजा और एमएस धोनी की अर्धशतकीय पारियों के बावजूद भारत लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया था और टीम का सफर समाप्त हो गया था। पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने 2019 वर्ल्ड कप में भारत के बाहर होने के पीछे 'उचित योजना की कमी' को जिम्मेदार ठहराया है।
युवराज के मुताबिक मध्यक्रम में अनुभव की कमी ने विराट कोहली की टीम को नुकसान पहुँचाया। दिग्गज के मुताबिक विजय शंकर और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ियों को नंबर 4 जैसे महत्वपूर्ण स्लॉट के लिए नहीं चुना जाना चाहिए था। उन्होंने इसके लिए 2011 वर्ल्ड कप का भी उदाहरण दिया, जो भारतीय टीम ने जीता था।
स्पोर्ट्स18 के शो 'होम ऑफ हीरोज' में संजय मांजरेकर से बातचीत के दौरान युवराज ने कहा,
जब हमने वर्ल्ड कप (2011) जीता था, तो हम सभी के पास बल्लेबाजी करने के लिए एक निश्चित पोजीशन थी। मुझे लगता है कि 2019 वर्ल्ड कप को लेकर उन्होंने अच्छी तरह से योजना नहीं बनाई। उन्होंने विजय शंकर को नंबर 4 के लिए चुना था, जिनके 5-7 वनडे मैचों का अनुभव था, फिर उन्होंने उनकी जगह ऋषभ पंत को लिया, जिन्होंने 4 वनडे मैच खेले थे। जब हमने 2003 का वर्ल्ड कप खेला था, तो मोहम्मद कैफ, (दिनेश) मोंगिया और मैंने पहले ही 50-वनडे मैच खेले थे।
टी20 वर्ल्ड कप में भी खराब प्रदर्शन के लिए युवराज सिंह ने मध्यक्रम को ठहराया जिम्मेदार
युवराज ने आगे कहा कि भारत को पिछले साल खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में भी कुछ इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था, जहाँ भारत पिछले आठ आईसीसी इवेंट्स में पहली बार नॉकआउट स्टेज तक भी नहीं पहुंचा। युवी के मुताबिक बड़े टूर्नामेंट्स में हमें प्रत्येक पोजीशन के लिए सेट खिलाड़ियों को ही चुनना चाहिए। उन्होंने कहा,
टी20 में हमारा मध्यक्रम (बल्लेबाज) फ्रेंचाइजी क्रिकेट में ऊपर बल्लेबाजी करता है। यही वह जगह है जहां हम पिछले टी20 वर्ल्ड कप में कमी का सामना करना पड़ा था।