युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपने चयन के बारे में बात की है। उन्होंने इससे जुड़े एक किस्से के बारे में भी बताया है। इसके साथ ही युवराज ने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक बड़ा बयान भी दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि धोनी सुरेश रैना का साथ देते थे।
स्पोर्ट्स तक के साथ बातचीत के दौरान युवराज ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि "कप्तान धोनी के पास उन्हें चुनने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था क्योंकि वह अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे जबकि सुरेश रैना अपने फॉर्म में नहीं थे और अच्छा नहीं खेल पा रहे थे।"
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बातचीत के दौरान युवराज ने एक किस्सा भी साझा किया। उन्होंने बताया कि " ऑस्ट्रेलियाई कोच उस समय मेरे पास आए थे और पूछा था कि क्या मेरे बैट के पीछे फाइबर है और पूछा कि क्या यह कानूनी है। क्या मैच रेफरी ने इसकी जाँच की है? इसका जवाब देते हुए मैंने कहा कि इसकी जांच करवा लो। यहां तक कि गिलक्रिस्ट ने भी मुझसे पूछा कि हमारे बल्ले कौन बनाता है।"
युवराज ने कहा, "मैच रेफरी ने मेरे बल्ले की भी जांच की। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह बल्ला मेरे लिए बहुत खास था। मैंने उस तरह के बल्ले से कभी नहीं खेला। वह बैट और 2011 के विश्व कप का बैट मेरे लिए काफी खास है।"
इस दौरान उन्होंने धोनी के बारे में भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि "सुरेश रैना को उस समय महेंद्र सिह धोनी का समर्थन मिलता था। हर कप्तान का एक पसंदीदा खिलाड़ी होता है और उस समय माही ने रैना का समर्थन किया था। उस समय यूसुफ पठान और मैं दोनों अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और विकेट भी निकाल रहे थे। रैना तब अच्छी फॉर्म में नहीं थे। उस समय धोनी के पास बाएं हाथ का स्पिनर नहीं था और मैं विकेट ले रहा था इसलिए उनके पास कोई विकल्प नहीं था।"