भारतीय टीम पिछले 10 साल से आईसीसी का एक भी टाइटल नहीं जीत पाई है। इसको लेकर दो बार के वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि क्यों भारतीय टीम बार-बार सेमीफाइनल या फाइनल में आकर हार जाती है। युवराज सिंह के मुताबिक टीम के पास बड़े मुकाबले जीतने के लिए उस तरह की मानसिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि नॉकआउट मैचों में मेंटल एट्टीट्यूड की काफी जरूरत होती है।
भारतीय टीम ने 2013 के बाद से ही आईसीसी की कोई भी ट्रॉफी नहीं जीती है। टीम इंडिया कई बार सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंची लेकिन टाइटल नहीं जीत पाए। टीम 2014 के वर्ल्ड टी20 के फाइनल में पहुंची थी लेकिन श्रीलंका से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2015 के वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल में हार गई थी।
2016 के टी20 वर्ल्ड कप में भी टीम सेमीफाइनल में हार गई थी। 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भी उन्हें पाकिस्तान से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 2019 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भी टीम को हार मिली थी। 2021 के टी20 वर्ल्ड कप से टीम पहले ही दौर से बाहर हो गई थी। इसके बाद 2022 के टी20 वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल और 2023 के वर्ल्ड कप में फाइनल में आकर हार गई।
मेंटल एट्टीट्यूड की कमी हमारे अंदर है - युवराज सिंह
युवराज सिंह के मुताबिक भारतीय टीम को मानसिक तौर पर मजबूत होना पड़ेगा। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान कहा,
हम 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में हार गए थे और मैं भी उस टीम का हिस्सा था। स्किल, टैलेंट और हार्डवर्क के मामले में हम काफी आगे हैं और इसी वजह से लगातार हम फाइनल और सेमीफाइनल में पहुंच रहे हैं। हम बस एक कदम ही पीछे हैं। मेरे हिसाब से मैच जीतने के लिए जो मेंटल एट्टीट्यूड चाहिए होता है, उसकी कमी हमारे अंदर है।