जब पिता की आंखों में पल रहे सपने को युवराज सिंह ने बनाया था हकीकत

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#3 भारत को अपने दम पर जिताया विश्व कप

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साल 2011 में विश्व कप में टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को तराजू पर तौले तो युवराज का प्रदर्शन जिस पल्ले पर रखेंगे वह भारी हो जाता है। बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग क्रिकेट के इन तीनों क्षेत्रों में युवराज का प्रदर्शन एक निपुण खिलाड़ी जैसा रहा। विश्व कप 2011 में 362 रन और 15 विकेट लेकरन सिर्फ भारत को विश्व कप दिलाया बल्कि खुद के नाम मैच ऑफ द टूर्नामेंट भी किया।

विश्व कप जीतने के बाद सबको स्तब्ध करने वाली खबर आई कि युवराज सिंह को कैंसर हो गया है। जिसके बाद दुनिया भर में मायूसी छा गई लेकिन इस योद्धा प्रवृत्ति के खिलाड़ी ने हार नहीं मानी। युवराज के चाहने वालों की तरफ से दुआ के लिए इतने सजदे हुए कि युवराज उठ खड़े हुए कैंसर से जीतकर दोबारा मैदान पर शानदार प्रदर्शन किया। युवराज एकदिवसीय और टी20 के इतिहास के पन्नों पर कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर चुके हैं लेकिन टेस्ट मैच में युवराज सिंह को खुद को साबित करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है।

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