पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जहीर अब्बास ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने देश के क्रिकेट में भ्रष्टाचार से निपटने में नरम रवैया अपनाया है, जिसने देश में खेल को उतना ही नुकसान पहुंचाया जितना 2009 में श्रीलंका टीम पर हुए आतंकी हमले ने पहुंचाया था।
दरअसल, पीसीबी ने सरकार से खेल फिक्सिंग को आपराधिक श्रेणी ने लाने के लिए आग्रह किया है। पीसीबी के इसी कदम पर अब जहीर अब्बास ने अपने विचार जाहिर किए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का यह कदम बिल्कुल सही है क्योंकि काफी लंबे समय से भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने में हमारा रवैया नरम रहा है और इसके कारण कई प्रकरण सामने आए, जिसने हमारी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया और हमारी क्रिकेट प्रगति को भी प्रभावित किया है।
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जहीर अब्बास ने इस दौरान श्रीलंका टीम पर हुए आतंकी हमले को भी याद किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की टीम बस पर आतंकी हमले ने अगर पाकिस्तान क्रिकेट को बड़ा नुकसान पहुंचाया और हम स्वदेश से बाहर खेलने को बाध्य हुए तो इन भ्रष्टाचार प्रकरणों ने भी वर्षों से हमारे क्रिकेट को कम नुकसान नहीं पहुंचाया।
इस दौरान उन्होंने अपनी राय खुलकर सामने रखी। अब्बास ने कहा कि फिक्सिंग को पराध की श्रेणी में लाने के लिए कानून बनाने का प्रयास बोर्ड को काफी पहले करना चाहिए था, क्योंकि इससे हाल के समय में सामने आए स्पॉट फिक्सिंग के मामले नहीं होते। उन्होंने कहा, अंत में नुकसान पाकिस्तान क्रिकेट का हुआ क्योंकि हमने अच्छे खिलाड़ी गंवा दिए और इससे भी अधिक हमने क्रिकेटरों को गलत संदेश दिया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन सभी खिलाड़ियों को, जिन्हें दोषी पाया गया है या खेल को भ्रष्ट करने में उनकी कोई संलिप्तता है, खेलते नहीं देखना चाहेंगे। "मैं कहता हूं कि किसी को भी नहीं बचाना चाहिए क्योंकि यह सबसे खराब चीज है जो एक क्रिकेटर अपने देश, टीम और खेल के लिए कर सकता है" अब्बास ने कहा।