जिम्बाब्वे के कोच लालचंद राजपूत हैं जो भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी हैं। पाकिस्तान दौरे पर जिम्बाब्वे की टीम के साथ लालचंद राजपूत नहीं गए। हालांकि पाकिस्तान से लालचंद राजपूत को वीजा मिल गया था लेकिन लालचंद राजपूत नहीं गए। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम लालचंद राजपूत के बिना ही पाकिस्तान पहुँच गई।
पाकिस्तान के दूतावास ने लालचंद राजपूत को वीजा देने कका आग्रह स्वीकार कर लिया था। हरारे में स्थित भारतीय दूतावास ने जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड से आग्रह किया कि वे लालचंद राजपूत को अपने साथ पाकिस्तान लेकर न जाएँ। इसके बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए बिना कोच ही दौरे पर जाने का फैसला लिया।
लालचंद राजपूत हैं मुख्य कोच
लालचंद राजपूत जिम्बाब्वे की टीम के मुख्य कोच हैं लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव और खराब रिश्तों के कारण भारतीय दूतावास ने उन्हें वहां नहीं ले जाने का आग्रह जिम्बाब्वे बोर्ड से किया। भारतीय दूतावास ने सुरक्षा कारणों से भी ऐसा किया होगा क्योंकि पाकिस्तान में श्रीलंका की टीम पर आतंकी हमला हुआ था। सुरक्षा का दावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड करता है लेकिन वहां के आतंकी संगठनों को देखते हुए इन दावों की पोल खुल जाती है।
दुनिया की बड़ी टीमों ने एक दशक से ज्यादा समय से पाकिस्तान में जाकर कोई सीरीज नहीं खेली है। सुरक्षा की चिंता हर टीम को वहां रहती है। जिम्बाब्वे की टीम भी पांच साल बाद पाकिस्तान में खेलने का लिए आई है। पीसीबी के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर टीम का स्वागत किया। पाकिस्तान दौरे पर जिम्बाब्वे की टीम तीन वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज खेलेगी। कुल छह मुकाबले दोनों प्रारूप में खेले जाने हैं और ये रावलपिंडी और लाहौर में खेले जाएंगे। दोनों टीमों को बायो सिक्योर्ड बबल में रहकर ही खेलना होगा। देखना होगा कि लम्बे समय बाद खेलने गई जिम्बाब्वे की टीम का प्रदर्शन वहां कैसा रहता है।
पाकिस्तान की टीम ने जिम्बाब्वे के साथ सीरीज को लेकर अभ्यास किया है। पाकिस्तान के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है। मिस्बाह उल हक़ ने उनके लिए दरवाजे बंद नहीं होने की बात भी कही है। देखना होगा दोनों टीमों का खेल कैसा होता है।