6 नवंबर 2018, ये तारीख़ ज़िम्बाब्वे क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई है। वजह है ज़िम्बाब्वे की बांग्लादेश पर 151 रनों से ऐतिहासिक टेस्ट जीत, ये इसलिए ख़ास है क्योंकि 17 साल बाद ज़िम्बाब्वे ने अपने घर से बाहर कोई टेस्ट मैच जीता है। आख़िरी बार 2001 में ज़िम्बाब्वे को विदेशी सरज़मीं पर जीत नसीब हुई थी, हालांकि इस दौरान ज़िम्बाब्वे से टेस्ट स्टेटस छिना भी और फिर इस टीम ने इसे दोबारा हासिल भी किया। इतना ही नहीं आख़िरी बार ज़िम्बाब्वे को किसी टेस्ट मैच में जीत 5 साल पहले मिली थी। चलिए एक नज़र डाल लेते हैं विदेशी सरज़मीं पर ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम की सभी जीतों पर।
#3 1998 पेशावर टेस्ट बनाम पाकिस्तान
ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम को टेस्ट क्रिकेट में पहली बार अपने घर से बाहर जीत का स्वाद आज से 20 साल पहले 30 नवंबर को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पेशावर टेस्ट में मिला था। इस टेस्ट मैच में जीत के हीरो रहे थे ज़िम्बाब्वे के मशहूर ऑलराउंडर नील जॉनसन और तेज़ गेंदबाज़ हेनरी ओलंगा। पाकिस्तान को ज़िम्बाब्वे ने पहली पारी में 296 रनों पर ऑलआउट कर दिया था। ज़िम्बाब्वे की ओर से पहली पारी में हीथ स्ट्रीक ने सबसे ज़्यादा 4 विकेट लिए थे जबकि पाकिस्तान की तरफ़ से इजाज़ अहमद ने 87 रन बनाए थे। हालांकि ज़िम्बाब्वे की पहली पारी लड़खड़ा गई थी, और मेहमान टीम के 6 विकेट 115 रनों पर गिर गए थे। लेकिन नील जॉनसन के शतक (107) की बदौलत ज़िम्बाब्वे ने 238 रन बनाए थे। पाकिस्तान की ओर से वसीम अकरम (5) और वक़ार यूनिस (4) ने आपस में 9 विकेट बटोरे थे।
इसके बाद ज़िम्बाब्वे के तेज़ गेंदबाज़ हेनरी ओलंगा (4/42) की क़ातिलाना गेंदबाज़ी की बदौलत पाकिस्तान की दूसरी पारी महज़ 103 रनों पर ढेर हो गई थी। ज़िम्बाब्वे को 162 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उन्होंने 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। मरे गुडविन ने इस मैच में नाबाद 73 रनों की पारी खेली थी, जबकि 'मैन ऑफ़ द मैच' के ख़िताब से नील जॉनसन को नवाज़ा गया था।
#2 2001 चटगांव टेस्ट बनाम बांग्लादेश
पेशावर टेस्ट जीतने के ठीक 3 साल बाद एक बार फिर ज़िम्बाब्वे ने सभी का दिल तब जीत लिया था, जब बांग्लादेश में खेले गए चटगांव टेस्ट मैच में मेज़बान टीम को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। इस मैच के हीरो रहे थे एंडी फ़्लॉवर और ग्रैंट फ़्लॉवर, ग्रैंट फ़्लॉवर का बल्ला भले ही शांत रहा था पर उन्होंने गेंद से 8 विकेट लेकर ज़िम्बाब्वे की जीत सुनिश्चित की थी। इस टेस्ट मैच में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर मेहमानों को पहले बल्लेबाज़ी का न्योता दिया था जिसे ज़िम्बाब्वे ने स्वीकार करते हुए तीन शकतों की बदौलत 542/7 रनों पर पारी घोषित की थी। ज़िम्बाब्वे की ओर से ट्रेवर ग्रिपर (112), एंडी फ़्लावर (114*) और क्रेग विशार्ट (114) ने शतक जड़े थे। पहाड़ जैसे स्कोर का पीछा करते हुए बांग्लादेश की ओर से हबिबुल बशर (108) ने शतक जड़ा था, लेकिन कोई और बल्लेबाज़ उनका साथ नहीं दे पाया और पूरी टीम महज़ 251 रनों पर ढेर हो गई। ज़िम्बाब्वे की ओर से ग्रैंट फ़्लावर ने सबसे ज़्यादा 4 विकेट झटके थे।
फ़ॉलोऑन करते हुए बांग्लादेश की ओर से दूसरी पारी में जावेद ओमर और हबिबुल बशर ने अर्धशतक लगाए, जिसकी बदौलत बांग्लादेश ने पारी की हार तो बचा ली लेकिन 301 रनों पर ऑलआउट हो गई। एक बार फिर ग्रैंट फ़्लॉवर ने अपने स्पिन के जाल में 4 बल्लेबाज़ों को फंसाया, और मैच में 8 विकेट झटके। 11 रनों का पीछा करते हुए ज़िम्बाब्वे ने दो विकेट ज़रूर गंवाए लेकिन टेस्ट मैच 8 विकेट से अपने नाम किया। ग्रैंट फ़्लॉवर को मैन ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया।
#1 2018 सिलहट टेस्ट बनाम बांग्लादेश
1998 और 2001 के बाद ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम को विदेशी सरज़मीं पर जीत के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ा और आख़िरकार 17 सालों बाद इस टीम ने एक बार फिर घर से बाहर टेस्ट जीत हासिल की। इत्तेफ़ाक ये है कि ज़िम्बाब्वे को ये तीनों ही जीत नवंबर के महीने में मिली है। सिलहट में खेले गए इस मैच में जीत के हीरो अनुभवी शॉन विलियम्स और अपना पहला मैच खेल रहे लेग ब्रेक गेंदबाज़ ब्रैंडन मवुटा रहे।
ज़िम्बाब्वे ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया और शॉन विलियम्स के शानदार 88 रनों की बदौलत पहली पारी में 288 रन बनाए। बांग्लादेश की तरफ़ से तैजुल इस्लाम को 6 विकेट हासिल हुए, हालांकि बल्लेबाज़ी में मेज़बान टीम पूरी तरह से बिखर गई और सिर्फ़ 143 रनों पर ढेर हो गई। टेंडई चतारा और सिकंदर रज़ा को तीन-तीन विकेट हासिल हुए। ज़िम्बाब्वे ने अपनी दूसरी पारी में 181 रन ही बनाए, जिसमें तैजुल इस्लाम ने 5 विकेट अपने नाम किए। इस तरह से बांग्लादेश के सामने जीत के लिए मेहमानों ने 321 रनों का लक्ष्य दिया, जिसका पीछा करते हुए बांग्लादेश की पूरी टीम 169 रनों पर ही ढेर हो गई। मेहमान टीम की ओर से मवुता ने दूसरी पारी में 4 विकेट झटके और ज़िम्बाब्वे को 151 रनों की जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। जबकि पहली पारी में संकट के समय 88 रन बनाने वाले शॉन विलियम्स को 'मैन ऑफ़ द मैच' का पुरस्कार मिला।