ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम के सामने वर्ल्ड क्रिकेट में इन दिनों वजूद का खतरा है। ज़िम्बाब्वे की टीम वर्ल्ड क्रिकेट में बने रहने के लिए कई तरहों से लड़ रही है। वर्ल्ड क्रिकेट की एक पुरानी टीम का प्रदर्शन जहां लगातार गिर रहा है, वहीं आर्थिक तंगी की वजह से इस टीम का आधार कमजोर हो रहा है ।
अच्छे खिलाड़ी समय से पहले या तो संन्यास ले लेते हैं या फिर लीग क्रिकेट के साथ जुड़ जाते हैं। जिम्बाब्वे को वर्ल्ड क्रिकेट में बड़ी टीमों से मदद की जरुरत है, लेकिन दूसरी तरफ जिम्बाब्वे को भारत से एक बड़ा झटका लग सकता है। ज़िम्बाब्वे की टीम को इस साल मार्च में भारत दौरे पर आना था, जहां उन्हें एक टेस्ट के साथ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी थी। वैसे इसके लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया था, लेकिन अब इस सीरीज पर तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है।
दरअसल टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरा 10 फरवरी को खत्म हो रहा है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम 24 फरवरी से 13 मार्च के बीच भारत दौरे पर आएगी, जहां दो टी20 मैचों के साथ ऑस्ट्रेलिया की टीम 5 वनडे मैचों की सीरीज खेलेगी। इसके बाद आईपीएल 2019 का आयोजन होगा। आईपीएल इस बार 23 मार्च से खेला जाएगा और फिर वर्ल्ड कप की तैयारी में हर टीम जुट जाएगी ।
2019 वर्ल्ड कप के लिए जिम्बाब्वे की टीम क्वालिफाई नहीं कर पाई । ऐसे में भारत दौरे से जिम्बाब्वे क्रिकेट को काफी उम्मीद थी, ताकि विश्व क्रिकेट की इस पुरानी टीम की शाख एक बार फिर से कायम हो सके ।
वैसे अभी दोनों बोर्ड की तरफ से इस सीरीज पर तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं की गई है। 1993 से साल 2002 के बीच जिम्बाब्वे की टीम द्विपक्षीय सीरीज के लिए भारत आती रही है। 2002 में जिम्बाब्वे की टीम आखिरी बार भारत के दौरे पर आई थी। एक समय था जब जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों को भारत में काफी पसंद किया जाता था। हेनरी ओलंगा, हीथ स्ट्रिक, एंडी फ्लावर , ग्रांड फ्लावर और नील जॉनसन जैसे ऑलराउंडर ने अपने खेल से एक अलग पहचान कायम की थी ।
समय के साथ जिम्बाब्वे की टीम से बड़े खिलाड़ी धीरे धीरे बाहर होते चले गए और दुनिया की एक पुरानी टीम अपनी चमक खो बैठी । उम्मीद की जा रही है कि बीसीसीआई जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज के लिए एक छोटा विंडो तैयार करेंगी और जिम्बाब्वे की टीम को 17 साल बाद भारत आने का मौका मिलेगा ।
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