जानिए FIFA 17 और PES 2017 में से कौन है बेहतर

गेमप्ले
game play

फीफा के 2016 संस्करण में यूजर्स ने 'गेमप्ले' यानी मैच खेलने के दौरान काफी दिक्कतें आने की बात कही थी। लोगों ने बताया था कि गेम जरूरत से ज्यादा निराश करता है और नकली भी लगता है। ऐसी ही सब परेशानियों पर ईए स्पोर्ट्स ने 2017 वर्जन में सुधार किया है। अब एक मैच के दौरान होने वाली हर गतिविधी को असल रूप देने की कोशिश की गई है। जैसे फ्री किक और कॉर्नर लेने के लिए प्लेयर के पास नए तरीके होंगे। साथ ही ऐसी पोजिशन में कैमेरा खिलाड़ी के पीछे रहेगा जो खेलने वाले को रिएलिटी का अनुभव कराएगा। साथ ही हर खिलाड़ी का खड़े होने और किक करने का अपना अंदाज, इसे काफी वास्तविक बनाता है। इसके अलावा अब आप बॉल को थ्रो करने के लिए अपने प्लेयर को रन पर लेकर दौड़ा सकते हैं। फीफा के इेस गेम में प्लेयर्स की इंटेलिजेंस पर खास ध्यान दिया गया है, जिसके चलते हर खिलाड़ी दूसरे के गेम के हिसाब से मैच में खेलता दिखेगा। साथ ही दो टीम के खिलाड़ियों के बीच फिजिकल इंटरेक्शन करने पर भी काम किया गया है। इसके अलावा अब ऐसा जरूरी नहीं है कि खिलाड़ी को ऊंची आती हुई हर बॉल को हेडर मारकर ही रोकना होगा। बल्कि इस तरह की बॉल को अन्य तरीकों से कंट्रोल करने का ऑप्शन प्लेयर के पास होगा। इस फीफा में आप एक ही बटन के इस्तेमाल से ड्रिबल भी कर सकते हैं और बॉल की रक्षा भी कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, पीईएस बनाने वाली कंपनी को नामी ने अपने गेमप्ले को 2016 वर्जन में ही काफी सुधार किया था। इसके चलते आने वाले वर्जन में उसने खास बदलाव न करते हुए बस ओवरऑल बदलाव किए हैं। हालांकि 2016 के इसके संस्करण में गोलकीपर्स का परफॉर्मेंस काफी कमजोर था जिसे इस बार सुधारा गया है। अब पीईएस के गोलकीपर लंबी छलांग लगाकर असंभव दिखने वाले सेव भी कर सकेंगे। इसके अलावा पीईएस ने इस गेम में 'एडेप्टिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस' का प्रयोग किया है। इसके चलते खिलाड़ी की प्रतिद्वंद्वी टीम भी उसके खेल के हिसाब से अच्छा या बुरा खेलेगी। इससे खेल में कॉमपिटिशन बेहतर होगा। साथ ही कंपनी ने फुटबॉल गेम की कुछ खास तकनाकों को भी शमिल किया है। कुल मिलाकर 'गेमप्ले' के नजरिए ये पीईएस फीफा के लगभग साथ में खड़ा दिख रहा है। हालांकि माना जा रहा है कि फीफा थोड़ा बेहतर है।