फुटबॉल इतिहास के 10 सबसे बेहतरीन मिडफील्डर

#9 डीडी
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ब्राजील की 1958 और 1962 की वर्ल्ड कप जीत का पूरा श्रेय 'पेले' और 'गार्रिंचा' को दिया जाता है। लेकिन इन दोनों स्ट्राइकरों के लिए, बॉल को विपक्षी टीम के डिफेंस में घुसाने की मदद करने का श्रेय टीम के इंजन 'वॉल्डियर परिएरा' को ही जाता है। डीडी के नाम से जाने जाने वाले इस मिडफील्डर के कारण ही 'पेले' और 'गार्रिंचा' का खौफ विपक्षी टीन के डिफेंडर तक पहुंचता था। दिदि के पास शानदार पासिंग रेंज, तकनीक और स्टेमिना तो था ही। लेकिन उनकी सबसे अनोखी काबिलियत थी उनकी बेमिसाल 'फ्री किक'। 'डेड बॉल' के माहिर इस खिलाड़ी ने ही 'ड्राय लीफ' फ्री किक को इजात किया था। इसी फ्री किक स्टाइल के इस्तेमाल आज रोनाल्डो जैसे दिग्गज खिलाड़ी कर रहे हैं। डीडी की जिंदगी का सबसे शानदार पल था, जब उन्हें 1958 में अपने बेमिसाल खेल के लिए, फीफा वर्ल्ड कप गोल्डन बॉल अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने 1962 के वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले लिया। हालांकि इस वर्ल्ड कप में भी ब्राजील की जीत में उन्होंने बेहतरीन खेल का परिचय दिया था।