इंडियन सुपर लीग ने हर सत्र में कुछ बेहतरीन उपहार दिए हैं, जिसमें कई कम मशहूर खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है। जब लोगों ने उम्मीद की थी कि विश्व कप के स्टार इयान ह्युम या फिर रोबर्ट पाइरेस शानदार प्रदर्शन करेंगे तभी समीह्ग डौटी ने अपने स्टाइलिश खेल से सभी को प्रभावित किया। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि इस वर्ष भी ऐसा हुआ। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें सत्र की शुरुआत में कम ही लोग जानते थे, लेकिन इन्होंने सत्र के अंत तक अपनी अलग पहचान बना ली है। चलिए जानते हैं ऐसे पांच खिलाडियों के बारे में, जिन्होंने इस सत्र में उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया :
देबजीत मजुमदार
लंबे समय से देबजीत को कोलकाता डर्बी के दौरान हाथ से शॉट मारने और गेंद अच्छे से लपकने के लिए जाना जाता था और उन्होंने उतना ही बेहतरीन प्रदर्शन भी किया। फुटबॉल के लिए भारत में जुनून कम है, ऐसे में यह बहुत ही बढ़िया गोलकीपर बने। हालांकि तब कुछ प्रश्न जरुर उठे, जब एटलेटिको डी कोलकाता ने अमरिंदर सिंह को मुंबई सिटी एफसी में बेचने का फैसला किया। मगर इसका पता लगाना मुश्किल था कि एटलेटिको के पहले गोलकीपर शिल्टन पॉल होंगे या फिर मजुमदार। इसके बाद से देबजीत में गजब का सुधार आया। उन्होंने शॉट रोकने की अपनी क्षमता को ताकत बनाया और गेंद को खिलाड़ी के पास जल्दी पहुंचाने में भी सुधार किया। एटलेटिको के डिफेंस में जो सुधार हुआ, उसका बड़ा श्रेय पूर्व भवानीपुर खिलाड़ी को भी जाता है, जिन्होंने निरंतर बेहतर प्रदर्शन किया और 26 बचाव किये, जो लीग में चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी रहा। 13 मैचों में जिसने सिर्फ विरोधी टीम को 14 गोल करने दिए हो, उसका प्रदर्शन सराहनीय ही कहा जा सकता है। मार्सेलो लिटे परेरा (मार्सलिन्हो)
मार्सलिन्हो के नाम से लोकप्रिय ब्राजीली खिलाड़ी ने इंडियन सुपर लीग के तीसरे सत्र में शानदार प्रदर्शन किया। स्टीवन मेंडोज़ा की गैरमौजूदगी में टीम को एक बेहतरीन खिलाड़ी की जरुरत थी और परेरा ने उनकी इस खोज को पूरा किया। मार्सलिन्हो ने इस सत्र में 8 गोल किये जबकि 5 गोलों में उनका सहयोग रहा। एफसी गोवा के खिलाफ उन्होंने हैट्रिक जमाई थी। एटलेटिको मेड्रिड की युवा टीम में खेल चुके मार्सेलो कभी प्रथम टीम का हिस्सा नहीं बन सके। पेशे से स्ट्राइकर को ज़म्ब्रोटा ने दाई पट्टी पर खिलाया और ब्राजीली खिलाड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया। इस खिलाड़ी ने अपना स्तर स्थापित किया और इसका प्रमाण उन्होंने एफसी गोवा के खिलाफ अपने दूसरे गोल में किया। मार्सेलो की गजब खेल शैली एक प्रमुख वजह रही कि लीग में सर्वश्रेष्ठ आक्रमण दिल्ली का रहा। मिलन सिंह प्रतिस्पर्धी, गेंद पर शानदार नियंत्रण और बेहतरीन दौड़ लगाने वाले दिल्ली डायनामोज के मिडफील्डर मिलन सिंह शानदार फॉर्म में हैं। सत्र की शुरुआत में कुछ ही लोगों ने उम्मीद की थी कि 24 वर्षीय को जल्दी मौका भी मिलेगा, लेकिन उन्होंने 11 मुकाबले खेले। मणिपुर के मिलन ने इतना शानदार प्रदर्शन किया कि डेंसन देवदास एल्विन जॉर्ज और ब्रूनो पेलीसारी को टीम में जगह नहीं मिल सकी। 989 मिनट तक मैदान पर खेले मिलन ने दो गोल किए और पांच शॉट लक्ष्य पर रहे। उन्होंने 25 टैकल और 13 बेहतरीन छकाने वाला कारनामा भी किया। मिडफील्डर के लिए यह नंबर शानदार हैं। इस खिलाड़ी के लिए भारतीय टीम में शामिल होने ज्यादा दूर नजर नहीं आ रहा है और उनके प्रदर्शन को आधार बनाया जाए तो वह जगह पाने के हकदार भी हैं। सीके विनीत
केरला ब्लास्टर्स को सत्र की शुरुआत में इस खिलाड़ी की काफी कमी खली, क्योंकि पहले तीन मैचों में वह कोई गोल नहीं कर सकी। बेंगलुरु एफसी के साथ लौटे सीके विनीत ने केरला ब्लास्टर्स में वापसी की और इसका असर भी टीम पर दिखा। केरला के लिए सिर्फ पांच मैच खेलने वाले विनीत ने बढ़िया प्रभाव बनाते हुए प्रमुख पलों में चार गोल किये जो उनकी टीम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण थे। इंडियन सुपर लीग में उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। इसलिए केरला ब्लास्टर्स के 19 अंक हैं और प्लेऑफ़ में उनके पहुंचने की उम्मीदें बरकारार हैं। लुसियन गोइअन इंडियन सुपर लीग के तीसरे सत्र में प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बनी मुंबई सिटी एफसी। सुनील छेत्री, डिएगो फोर्लन, और मटायस डेफेडेरिको जैसे शानदार आक्रामक खिलाड़ियों के बीच सेंट्रल डिफेंडर लुसियन गोइअन सर्वश्रेष्ठ रहे। मुंबई के लिए रोमानी खिलाड़ी चट्टान की तरह खड़े रहे। आईएसएल के इस सत्र में उन्होंने 63 सफल टैकल किये जो सर्वश्रेष्ठ हैं। उन्होंने अपने सबसे नजदीकी प्रतिस्पर्धी से 8 टैकल ज्यादा किये हैं। इसका मतलब उन्होंने हर मैच में करीब 6 सफल टैकल किये। इसके अलावा 22 हवा में आई गेंद को लुसियन गोइअन से अच्छे से टैकल किया और 29 क्रॉस भी किये। उनका प्रदर्शन बड़ा कारण है कि मुंबई शीर्ष पर हैं और चैंपियनशिप जीतने की तैयारियों में जुटी हैं। पिछले सत्र में क्लुज के लिए 24 मैच खेलने के बाद लुसियन गोइअन ने अपना प्रदर्शन उच्च स्तर पर पहुंचाया जिसकी वजह से उन्हें आईएसएल में मौका मिला।