फुटबॉल का ये शानदार साल अपने अंतिम चरणों में है, और इसी के साथ अब चर्चा होने लगी है खेल के सबसे बड़े अवॉर्ड 'बैलन डी ऑर' की। इसी साल खेले गए दो बड़े टूर्नामेंट, 'यूरो कप' और 'कोपा अमेरिका' के चलते यूरोप और दक्षिण अमेरिका के कई फुटबॉल सितारे इस सम्मान के बड़े दावेदार होंगे। यूरुग्वे के स्टार खालाड़ी लुइस सुआरेज कोपा अमेरिका में अपनी टीम के लिए नहीं खेल पाए थे। वहीं लियोनेल मेसी के लिए कोपा अमेरिका में लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंचकर खिताब से चूक जाना सबसे ज्यादा निराशाजनक था। इसी के चलते उन्होंने खेल से संन्यास लेने की घोषणा भी की थी, लेकिन बाद में वापस लौटने का निर्णय किया। यूरोप पर नजर डालें तो फ्रांस के स्ट्राइकर ‘ग्रीज्मेन’ ने यूरो कप 2016 के साथ बाकी टूर्नामेंट में काफी अच्छा परफॉर्म किया है। हालांकि ज्यादा गोल और खिताब हासिल करने के बाद ‘क्रिस्टियानो रोनाल्डो’ इस सम्मान के सबसे प्रबल दावेदार हैं। और ये हैं वो पांच कारण उनकी इस दावेदारी के:
‘बैलन डी ऑर’ उस एकेले खिलाड़ी को दिया जाता जो उस पूरे साल में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी साबित होता है। सबसे ज्यादा गोल करना और गोल के लिए सबसे ज्यादा असिस्ट (सहायता) करना, ये अवॉर्ड जीतने के मुख्य पैमाने हैं। हालांकि मिडफील्डरों और डिफेंडरों को भी ये सम्मान मिलता है, लेकिन इस साल के खिलाड़ियों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इस खिताब की दौड़ में अटैकर्स ही शामिल हैं। तो इस हिसाब से अगर देखें तो रोनाल्डो ने अपनी क्लब और टीम दोनों के लिए अहम गोल और असिस्ट किए हैं, जो उन्हें ये सम्मान जीतने की सूची में सबसे आगे रखते हैं। उन्होंने रियल मैड्रिड के लिए पिछले सीजन में 51 गोल दागे और 15 महत्तवपूर् असिस्ट किए। गोल के मामले में वो अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी मेस्सी से 10 गोल आगे हैं और असिस्ट में भी रोनाल्डो का ही एक ज्यादा है। #2 चैंपियंस लीग का खिताब जीतना
वैसे तो फुटबॉल का ये सम्मान एक खिलाड़ी विशेष को ही दिया जाता है। लेकिन यहां पर ये बात भी जुड़ती है कि उस खिलाड़ी के रहते टीम ने कितने खिताब जीते। इस नजरिए से भी रोनाल्डो की अवॉर्ड के लिए दावेदारी पक्की हो जाती है। उन्होंने पिछले चैंपियंस लीग सीजन में 16 गोल किए और साथ ही टीम को फाइनल तक ले जाकर उन्हें कप दिलवाया। कुछ लोग ये मान रहे हैं कि रियल मैड्रिड की जीत का कारण उन्हें कमजोर अपोनेंट मिलना था, लेकिन ये बात क्लब के बेहतरीन खेल के आगे नहीं अड़ती। ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर रोनाल्डो ने इस चैंपियनशिप में इतने गोल नहीं मारते, तो शायद क्लब पिछले सीजन में कोई खिताब नहीं जीत पाता। #3 पहली बार यूरो कप अपने नाम करना
पुर्तगाल का यूरो कप 2016 जीतना टीम के कप्तान रोनाल्डो के लिए बैलन डी ऑर पाने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। हमेशा से ही इस बात के लिए उनकी निंदा होती रही है कि वो अपने देश पुर्तगाल के लिए अच्छा नहीं खेल पाते हैं। लेकिन पुर्तगाल को पहला यूरो कप जितवाकर उन्होंने सभी आलोचकों को इस बार करारा जवाब दे दिया। हालांकि, अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाने के बाद ये उनका बेहद दुर्भाग्य ही था कि वो गंभीर चोट लगने के कारण इस जरूरी मैच में नहीं खेल पाए। लेकिन, पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनके जबरदस्त खेल के कारण ही पुर्तगाल फाइनल तक पहुंच पाई। #4 नेतृत्व करने के गुण
रोनाल्डो के खेल के शानदार गुणों से तो हम सब वाकिफ हैं। इसी के चलते उन्हें पहले भी बैलन डी ऑर के खिताब हासिल हो चुके हैं। वो इन खिताबों की गिनती में दुनिया के दूसरे महान खिलाड़ी मेस्सी से दो सम्मान ही पीछे हैं। बहरहाल, खेल की लाजवाब कला के अलावा उनमें टीम को लीड करने की भी खास क्षमता है। पुर्तगाल टीम अपने लचर प्रदर्शन के कारण बड़े मुकाम पर पहुंचने में लगातार असफल रही थी। लेकिन रोनाल्डो ने अपनी कोशिशें जारी रखीं और टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी ऐसा करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। इसका उदाहरण है यूरो कप का फाइनल, जिसमें चोटिल रोनाल्डो फील्ड की ‘टच लाइन’ से खिलाड़ियों को निर्देश दे रहे थे। इस लीडरशिप का सफल नतीजा टीम को आखिरकार मिल ही गया। #5 दृढ़ संकल्प
एक खास चीज जो रोनाल्डो को किसी भी और फुटबॉलर से बेहतर बनाती है, वो है उनका दृढ़ संकल्प। फुटबॉल के क्षेत्र में इतना बड़ा नाम होने के कारण लोगों की नजर रोनाल्डो की छोटी से छोटी बात पर भी टिकी रहती हैं। इसके चलते उन्हें अक्सर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, दुनिया के दूसरे बड़े खिलाड़ियों से हर पल उनकी तुलनी की जाती है। इस सब के बावजूद, रोनाल्डो के इरादे इतने पक्के हैं कि वो अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटकते। रोनाल्डो में हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ बने रहने की ललक झलकती है, और इसके लिए वो लगातार मेहनत भी करते हैं। यूरो कप के फाइनल में गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद, रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें फील्ड पर लौटने में चार से पांच महीने लग सकते हैं। लेकिन देखिए दो महीने बाद ही वो रियाल मैड्रिड के लिए फील्ड पर पूरे जोश में खेल रहे हैं। अपनी फिजिकल फिटनेस को बनाए रखने को लेकर भी उनकी दृढ़ता साफ तौर पर दिखती है। ये बताता है कि वो खुद के और फुटबॉल के प्रति कितने संजीदा हैं।