देश के लिए खेलना चाहते हैं भारतीय मूल के फुटबॉल खिलाड़ी यान ढांडा, यूरोपीय फुटबॉल में हैं जानामाना नाम

भारतीय मूल के यान ढांडा लिवरपूल की यूथ टीम के साथ खेल चुके हैं।
भारतीय मूल के यान ढांडा लिवरपूल की यूथ टीम के साथ खेल चुके हैं।

भारतीय मूल के फुटबॉल खिलाड़ी यान ढांडा को भारतीय सीनियर टीम का हिस्सा बनाने की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। 24 साल के ढांडा पूर्व में इंग्लैंड की अंडर-17 राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं और बतौर मिडफील्डर उनकी स्किल कई विशेषज्ञों को पसंद हैं। इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी रियो फर्डिनेंड ने सोशल मीडिया पर यान का एक वीडियो साझा कर उम्मीद जताई कि उन्हें भारतीय टीम से बुलावा मिल सकता है। इस ट्वीट के बाद भारत के फुटबॉल फैंस और खेल के जानकार लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

दरअसल 24 साल के यान फिलहाल स्कॉटलैंड के क्लब रॉस काउंटी के लिए फुटबॉल खेलते हैं। रियो फर्डिनेंड ने इस क्लब के लिए मौजूदा सीजन में यान की ओर से किए गए शानदार प्रदर्शन का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि वह भारतीय राष्ट्रीय टीम में जरूर शामिल हो पाएंगे। इसी पर फुटबॉल विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया आई कि ऐसा करने के लिए यान को ब्रिटिश नागरिकता छोड़ते हुए भारतीय नागरिकता अपनानी होगी।

इसके जवाब में खुद यान ने लिखा कि अगर वह भारत की नागरिकता लेते हैं तो ऐसे में वह ब्रिटेन समेत यूरोप के कई क्लब में नहीं खेल पाएंगे क्योंकि भारत की फीफा रैंकिंग काफी कम है और ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय क्लब टॉप 50 देशों में शामिल टीमों के खिलाड़ियों को ही अपने यहां क्लब फुटबॉल खेलने की अनुमति देते हैं। यान ने उम्मीद जताई कि उन्हें OCI यानी Overseas Citizen of India के जरिए खेलने की अनुमति मिल जाए। यान की प्रतिक्रिया के बाद इस सम्बन्ध में फुटबॉल प्रेमी अलग-अलग राय देते दिखे।

यान की मां ब्रिटिश हैं जबकि पिता का जन्म भी इंग्लैंड में हुआ लेकिन यान के दादा-दादी पंजाब से इंग्लैंड गए थे। ऐसे में यान के पास ब्रिटिश नागरिकता है और वह भारतीय मूल के हैं। लेकिन मौजूदा नियम के मुताबिक केवल भारतीय नागरिक ही देश का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय टीम में कर सकते हैं।

इस पूरी स्थिति पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि भारतीय टीम में शामिल होने का नियम अगर बदल दिया जाएगा तो यूरोपीय फुटबॉल में खेलने वाले कई भारतीय मूल के खिलाड़ी देश के लिए खेल पाएंगे और टीम को मजबूत करेंगे।

एक यूजर ने लिखा कि भारत को अपनी रैंकिंग अच्छी करने के लिए भारतीय मूल के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में शामिल करना होगा। लेकिन कई फुटबॉल प्रेमियों का यह भी मानना है कि अगर भारतीय टीम में शामिल होने के नियम बदले जाएंगे तो पिछले कुछ सालों में देश में फुटबॉल को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयास विफल हो जाएंगे।

एक यूजर ने यह भी लिखा कि यान यदि भारत में खेलने आते हैं तो अभी तक बतौर खिलाड़ी उन्होंने जो कुछ कमाया है वह व्यर्थ हो जाएगा। फिलहाल कई फैंस भारतीय फुटबॉल संघ से अपील कर रहे हैं कि नागरिकता और राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के नियमों को एक बार फिर देखा जाना चाहिए।

Edited by Prashant Kumar