इंडियन सुपर लीग : एटीके मोहन बगान को एग्रीगेट से  हराकर पहली बार फाइनल में पहुंची हैदराबाद एफसी

हैदराबाद एफसी पहली बार लीग के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है।
हैदराबाद एफसी पहली बार लीग के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है।

हैदराबाद एफसी इंडियन सुपर लीग के मौजूदा सीजन के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन गई है। एटीके मोहन बगान के खिलाफ सेमीफाइनल के दूसरे लेग के मुकाबले में हैदराबाद को 1-0 से हार का सामना जरूर करना पड़ा लेकिन पहले लेग में मिली 3-1 की जीत की वजह से हैदराबाद कुल 3-2 के एग्रीगेट के साथ ओवरऑल जीत दर्ज करते हुए अपने पहले ISL फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। मैच का इकलौता गोल मोहन बगान के लिए रॉय कृष्णा ने किया , लेकिन ये हैदराबाद को रोक नहीं पाया। अब फाइनल में 20 मार्च को हैदराबाद का सामना केरला ब्लास्टर्स से होगा जो पहले ही फाइनल में स्थान पक्का कर चुकी है।

हैदराबाद की टीम मैच में 2 गोल की बढ़त के साथ उतरी थी इसलिए सारा दबाव मोहन बगान पर ही था। लिस्टन कोलाको, रॉय कृष्णा, ह्यूगो ब्यूमास समेत पूरी टीम ने जी-जान लगाकर गोल की कोशिश की, लेकिन पहले हाफ में टीम को कोई सफलता नहीं मिली। हैदराबाद की टीम खेल में डिफेंस पर ज्यादा ध्यान दे रही थी क्योंकि उन्हें गोल करने की कोई जल्दी नहीं थी। यहां तक कि बार्ट ओग्बेचे को दूसरे हाफ में टीम ने मैदान में उतारा। हैदराबाद के खिलाड़ियों ने सफलता से डिफेंस दिखाया।

मैच का इकलौता गोल रॉय कृष्णा ने एटीके के लिए किया।
मैच का इकलौता गोल रॉय कृष्णा ने एटीके के लिए किया।

एटीके के खिलाड़ियों और कोच के चेहरे पर पूरे मैच के दौरान झुंझलाहट साफ दिख रही थी यहां तक कि एक मौके पर एटीके के खिलाड़ी आपस में ही भिड़ते नजर आए। 79वें मिनट में लिस्टन कोलाको की मदद से रॉय कृष्णा ने गोल कर एग्रीगेट का अंतर 3-2 से हैदराबाद के पक्ष में कर दिया, लेकिन इसके बाद मोहन बगान अगले 11 मिनट और फिर मिले 7 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम में कोई गोल नहीं दाग सकी। पिछली बार की उपविजेता एटीके के लिए पहले लेग की 3-1 से मिली हार काफी महंगी पड़ी।

मिलेगा नया चैंपियन

20 मार्च को गोवा के फटरोडा के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा जिसमें दर्शक स्टेडियम आ सकेंगे। दो साल के बाद लीग में दर्शकों की मौजूदगी के बीच कोई मैच होगा। मुकाबले के सारे टिकट पहले ही बिक चुके हैं और फैंस रोमांचक टक्कर की आस लगाए बैठे हैं। हैदराबाद जहां पहली बार फाइनल खेलेगी तो केरल भी अपने पहले खिताब की तलाश में होगी। ऐसे में एक नया चैंपियन मिलना तय है। केरल की टीम इससे पहले साल 2014 और 2016 में फाइनल में पहुंची जरूर थी लेकिन दोनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा था। फुटबॉल फैंस इसलिए भी ज्यादा रोमांचित हैं क्योंकि दोनों ही टीमें दक्षिण भारतीय शहरों की हैं और इसे साउथ डर्बी कहना गलत नहीं होगा।

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