5 एक्सरसाइज़ जो आपको जिम में कभी नहीं करनी चाहिए

आजकल एक्सरसाइज़ करना लाइफ स्टाइल का एक खास हिस्सा बन गया है जोकि वाकई में काफी अच्छी चीज़ भी है। फिट रहने पर ही हम रोजमर्रा से जुड़े काम अच्छे से कर पाएंगे। अक्सर लोग जिम में जाकर कुछ ऐसी एक्सरसाइज़ करते हैं, जिसकी वजह से बॉडी के नैचुरल मूवमेंट पर गलत असर पड़ता है। कुछ एक्सरसाइज़ को गलत तरह से करने से नुकसान होता है, जबकि कई सारी ऐसी एक्सरसाइज हैं, जिन्हें सही तरीके से करने पर भी चोट लगने का खतरा लगातार बना रहता है। इन एक्सरसाइज़ को लगातार करने की वजह से शरीर में इंजरी होने का खतरा बढ़ जाता है।

लैट पुल डाउन बिहाइंड द नैक

लैट पुल डाउन बैक (कमर) को स्ट्रॉन्ग करने के लिए की जाती है। इसको चेस्ट के सामने और गर्दन के पीछे दो तरीकों से किया जाता है। नॉर्मल लैट पुल डाउन, जिसमें बार को चेस्ट तक खींचा जाता है, ये काफी अच्छी बैक एक्सरसाइज़ मानी जाती है। लेकिन गर्दन के पीछे वाली फॉर्म में एक्सरसाइज़ करना काफी खतरनाक हो सकता है। इस एक्सरसाइज़ को करते हुए कंधे नैचुरल पोजीशन में नहीं होते और कंधों के रोटेटर काफ पर काफी सारा प्रेशर पड़ता है। लगातार इसको करने की वजह से कंधों पर बुरा असर पड़ सकता है।

अपराइट रो

ये एक्सरसाइज़ लोग जिम में डम्बल और बारबैल के साथ करते हैं, जिसे कंधों की एक्सरसाइज़ माना जाता है। लेकिन कम लोगों को पता है कि ये काफी घातक साबित हो सकती है। दरअसल जब इस एक्सरसाइज़ को किया जाता है तो बारबैल या डम्बल ऊपर लाते वक्त हाथ घूम जाता है और एक तरह से हाथ लॉक हो जाता है। इस वजह से कंधों पर बहुत प्रेशर पड़ता है। खराब फॉर्म में करने के कारण ये आपको कंधों के लिए घातक साबित हो सकती है। शोल्डर के लिए आप बाकी कई दूसरी अच्छी एक्सरसाइज़ को कर सकते हैं।

ट्राइसेप्स डिप ऑन बैंच

इस एक्सरसाइज़ को ट्राइसेप्स के लिए किया जाता है। फोटो में देखकर आप समझ ही गए होंगे कि इस एक्सरसाइज़ को किस तरह से किया जाता है। दरअसल जब एक्सरसाइज़ करते हुए शरीर नीचे लाया जाता है, तो पीछे टिकाकर रखे गए हाथों को मोड़ना पड़ता है। पीछे की तरफ होने की वजह से कंधों पर बहुत दबाव पड़ता है। आमतौर पर नैचुरल तरीके से कंधे इस तरह से मुड़ने के लिए नहीं बने हैं। जब लगातार एक्सरसाइज़ को किया जाता है, तो कंधों के रोटेटर काफ में दिक्कत हो जाती है।

बिहाइंड द हैड शोल्डर प्रेस

शोल्डर के लिए की जाने वाली इस तरह की एक्सरसाइज़ 2 तरीकों से होती हैं। एक जिसमें बारबैल को आगे की तरफ लाकर फिर उठाया जाता है (मिलिट्री प्रेस) और एक जिसमें बार को कंधों के पीछे की तरफ लाकर ऊपर उठाया जाता है। मिलिट्री प्रेस शोल्डर के लिए एक बेहद अच्छी एक्सरसाइज है। लेकिन बिहाइंड द हैड शोल्डर प्रेस में हाथ और कंधों अपनी नैचुरल पोजीशन से बाहर चले जाते हैं, जिनसे इन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। कई सारे शोधों में पाया गया है कि बिहाइंड द हैड शोल्डर प्रेस के मुकाबले मिलिट्री प्रेस एक्सरसाइज़ ज्यादा कारगर होती है। भले ही कोई कितना ही ताकतवर हो, बिहाइंड द हैड शोल्डर प्रेस में मिलिट्री प्रेस के मुकाबले कम वजन उठाया जाता है।

स्मिथ मशीन

स्मिथ मशीन पर अक्सर लोग स्क्वॉट्स करते हुए देखे जा सकते हैं। जब स्क्वॉट किए जाते हैं, तो शरीर के लगभग सभी हिस्सों पर दबाव पड़ता है। बारबैल के साथ स्क्वॉट्स करने की वजह से प्रेशर को शरीर के अलग-अलग अंग एब्जॉर्ब कर लेते हैं, जिससे चोट लगने का खतरा बेहद कम रहता है। लेकिन स्मिथ मशीन पर स्क्वॉट्स करने की वजह से बॉडी एक ही जगह लॉक हो जाती है, क्योंकि बारबैल और वजन मशीन के साथ कनेक्ट होता है। इस वजह से कमर एकदम सीधी रहती है और उस पर काफी दबाव पड़ता है।