शतावरी के 7 जादुई फायदे - Magical Benefits Of Shatavari

शतावरी के 7 जादुई फायदे (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
शतावरी के 7 जादुई फायदे (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

शतावरी (Asparagus) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इस जड़ी बूटी का आकार बेल जैसा होता है। भारतीय चिकित्सा पद्धति में शतावरी का काफी उपयोग किया जाता है। शतावरी में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन E, प्रोटीन, विटामिन K, विटामिन C, आयरन, फोलेट आदि पाया जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह कब्ज, अल्सर, डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आदि समस्याओं के उपचार में सहायता कर सकती है। आयुर्वेद चिकित्सा में इसे एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के रूप में माना जाता है। इस लेख में शतावरी के 7 फायदे बताये गए हैं।

शतावरी के 7 जादुई फायदे - Magical Benefits Of Shatavari In Hindi

1. तनाव और चिंता को कम करने में सहायक (Helpful in reducing stress and anxiety)

आजकल की बिजी लाइफ में कोई भी व्यक्ति तनाव और चिंता से नहीं बच सकता है। किसी न किसी समय में लगभग सभी लोग इससे प्रभावित होते हैं। तनाव आपको पर्सनल प्रॉब्लम या वर्क लाइफ बैलेंस किसी चीज से हो सकता है। शतावरी का नियमित इस्तेमाल सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और डोपामाइन को रिलीज करता है। यह सभी हैप्पी हार्मोन्स हैं जो तनाव और चिंता से बचाव करते हैं।

2. किडनी की समस्या से आराम (Helps you to get relief from kidney problem)

किडनी में हार्ड मटेरियल जमा हो जाने से स्टोन हो जाता है। जब आपके यूरिनरी ट्रैक्ट (UTI) से गुजरते हैं तो यह अधिक दर्द का कारण बन सकते हैं। अधिकतर गुर्दे की पथरी आक्सालेट से बनती है। आक्सालेट्स कुछ खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चुकंदर आदि में पाया जाता है। शतावरी के जड़ का अर्क शरीर में आक्सालेट स्टोन्स को बढ़ने से रोकने में सहायता कर सकता है।

3. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर (Rich in antioxidants)

एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स डैमेज से सेल्स को रक्षा करने में सहायता करते हैं। यह ऑक्सीडेटिव तनाव से भी लड़ते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं। शतावरी में सैपोनिंस पाया जाता है, इन सैपोनिंस यौगिक में एंटीऑक्सीडेंट क्षमताएं होती हैं।

4. पाचन तंत्र को मजबूत बनाए (Strengthen the digestive system)

शतावरी जड़ी बूटी आंतों को डॉक्सिफाई करती है और शरीर के पाचन एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाती है। यह शरीर में फैट और कार्बोहाइड्रेट के पाचन को आसान बनाने में सहायता करती है। शतावरी चूर्ण का सेवन करने से गैस्ट्रिक इन्फेक्शन जैसे डायरिया, पेचिश, उल्टी, सीने में जलन आदि में आराम मिलता है।

5. खांसी में आराम (Eases cough)

शतावरी जड़ी बूटी के अर्क का रस पीने से खांसी से आराम मिलता है या इसके चूर्ण को पानी में अच्छी तरह से उबालकर बाद में छानकर पीने से खांसी में आराम पाया जा सकता है।

6. वजन और चर्बी कम करने में सहायक (Helpful in reducing weight and fat)

जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उन्हें शतावरी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है और फाइबर युक्त होती है। यह गुण इसे वजन कम करने में मददगार बनाता है।

7. माइग्रेन की समस्या को दूर करे (Cure migraine problem)

तिल के तेल में शतावरी चूर्ण या शतावर जड़ी बूटी मिलाकर अपने सिर पर हफ्ते में दो बार लगा सकते हैं। ऐसा एक महीने तक करें। इससे आपकी माइग्रेन की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी और साथ में शतावर चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।