नेफ्रोटिक सिंड्रोम का आयुर्वेदिक इलाज- Nephrotic Syndrome ka Ayurvedic ilaj

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का आयुर्वेदिक इलाज
नेफ्रोटिक सिंड्रोम का आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic treatment for nephrotic syndrome in hindi: आज कल कई सारी बीमारियां तेजी से फैलने लगी हैं। बढ़ते प्रदूषण के चलते कई सारी समस्याएं तेजी से लोगों को अपने चपेट में ले रही हैं। जो बीमारी पहले के समय में बुढ़ापे में होती थी वो अब युवावस्था में ही होने लगी है। इसके साथ ही कई सारी तो ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में हमें जानकारी भी नहीं होती है। ऐसी ही एक बीमारी है नेफ्रोटिक सिंड्रोम। ये कई कारणों से हो सकती है और आगे चलकर ये अन्य बीमारियों को जन्म देने का काम करती है। समय पर इसका इलाज जरूरी है। आयुर्वेद के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है।

क्या है नेफ्रोटिक सिंड्रोम |What is Nephrotic Syndrome

नेफ्रोटिक सिंड्रोम की समस्या होने पर पेशाब में अधिक प्रोटीन निकलने लगता है। साथ ही रक्त में प्रोटीन असाधारण होने लगता है जैसे कि- उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च ट्राइग्लिसराइड, रक्त के थक्का जमने का खतरा के साथ ही सूजन भी हो सकता है। ये सिंड्रोम किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली कई सारी समस्याओं के कारण बन सकते हैं।

क्या हैं नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण |Symptoms of Nephrotic Syndrome

शरीर में कहीं पर भी सूजन हो सकती है

त्वचा पर लाल चकत्ते के साथ ही घाव होना

पेशाब में झागदार नजर आना

कम भूख लगना

वजन बढ़ना

दौरे आना इत्यादि

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का क्या है आयुर्वेदिक इलाज

-सबसे पहले नेफ्रोटिक सिंड्रोम के जांच की सलाह दी जाती है

-इस दौरान सामान्य और स्वस्थ भोजन लेना चाहिए

-पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए

-किडनी के रोगियों को प्रोटीन की मात्रा सीमित रखनी चाहिए।

-रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए फैट का सेवन करम कर दें

-इलाज के दौरान इंफेक्शन होने के चलते रोग बढ़ सकता है। ऐसे में इस दौरान संक्रमण न होने के लिए खास ध्यान देना चाहिए।

-वसा और कार्बोहाइड्रेट का सेवन संतुलित रखे।

-नेफ्रोटिक सिंड्रोम में सोडियम की अधिक मात्रा वाले भोजन से बचें

-नेफ्रोटिक सिंड्रोम की समस्या में ज्यादा फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए

-पानी का खूब सेवन करें ताकि पेशाब ठीक से बाहर आए

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj