लकवा का आयुर्वेदिक इलाज- Lakwa ka ayurvedic ilaj

जानिए क्या है लकवा का आयुर्वेदिक इलाज
जानिए क्या है लकवा का आयुर्वेदिक इलाज

ayurvedic treatment for paralysis in hindi: लकवा होने पर शरीर का प्रभावित हिस्सा काम करना बंद कर देता है। ये शरीर के किसी एक हिस्से या फिर पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद में लकवे को पक्षाघात कहा जाता है। वा दोष बढ़ने या असंतुलित होने पर शरीर के एक हिस्से के अंगों के संवेदनात्मक और मोटर (मूवमेंट करने वाले) कार्यों को नुकसान पहुंचता है और इसे अर्धांग वात कहते हैं। मरीज को लकवा दो तरह से प्रभावित करता है। एक शारीरिक रूप से और दूसरा मानसिक रूप से। आयुर्वेद के जरिए इसका काफी हद तक इलाज संभव है। कई सारी चीजों को अपना कर आप खुद से भी इसके असर को कम कर सकते हैं।

लकवा में करें गर्म चीजों का करें सेवन (Consume hot things in paralysis)

आर्युवेद के अनुसार लकवा के मरीजों को गर्म चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे रोग से लड़ने में शक्ति मिलेगी। हालांकि, उन पैरालिसिस के रोगियों को गर्म चीजों की परहेज करने की सलाह दी जाती हैं जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या है।

लकवा के मरीजों की रीढ़ की हड्डी को सही रखें (keep the spine straight)

लकवा रोगी को सलाह दी जाती है कि, वो अपनी रीढ़ की हड्डी को दुरुस्त बनाए रखे तो उन्हें इससे छुटकारा मिलने में काफी मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, मस्तिष्क की इंद्रियां यहीं से होकर गुजरती हैं। इसके लिए गर्म या ठंडे पानी की सिकाई की सलाह दी जाती है।

लकवा की आयुर्वेदिक दवा है बला (Bala is ayurvedic medicine for paralysis)

बला एक आयुर्वेदिक औषधीय चूर्ण है जो शरीर के साथ ही हृदय को मजबूती देने का काम करती है। इसके साथ ही लकवा के मरीजों के मांसपेशियों और ऊतकों को शक्ति देने में मदद साबित होगी। ये औषधीय खासकर, शरीर को मजबूती देने और नसों की नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करती है। इससे नसों में दर्द, सुन्नपन, जोड़ों से संबंधित बीमारियों के साथ ही कई अन्य समस्याओं में असरकारी है। बला के चूर्ण को तेल, गर्म पानी या फिर शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है।

दशमूलारिष्ट से लकवा का इलाज (Treatment of paralysis with Dashmoolarishta)

10 जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाए गए दशमूलारिष्ट को लकवा में काफी प्रभावी औषधीय माना गया है। जो जड़ी-बूटियां इसमें शामिल की गई हैं उनमें, पिप्‍पली, छवल, हल्दी, रसना, जटामांसी और मुस्‍ता भी शामिल हैं। ये इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करती है। इसके साथ ही लकवा से ग्रस्त मरीजों को ताकत और जोश देने के लिए दशमूलारिष्ट दिया जाता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj