आयुर्वेद में बहुत से पेड़ों का बहुत ही गुणकारी महत्व होता है अलग-अलग बीमारियों में लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। और इन पेड़ों में से एक है बबूल का पेड़। इस पेड़ में पाए जाने वाली फली का आयुर्वेद में बहुत ही महत्व है, इसके जरिए कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। दस्त से लेकर शरीर में पेशाब ज्यादा आने पर में इसकी फली के जरिए राहत मिल सकता है। इसके साथ ही दांत दर्द में भी यह काफी उपयोगी है। आज में इसके कौन-कौन से फायदे हैं उनके बारे में जानेंगे।
बबूल मुंह से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने के साथ ही पूरे शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। सिर्फ इसकी फली ही नहीं बल्कि, इसकी पत्तियां, गोंद और छाल तक शरीर के लिए बड़े काम की होती हैं और इसके इस्तेमाल से कई बड़े रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
दस्त के लिए लाभदायक- अगर किसी को दस्त या पेट में मरोड़ हो और दस्त बंद ना हो तो ऐसे में बबूल के पेड़ की फलियां खाने से तुरंत आराम मिलता है।
दांतों की समस्या होती है दूर- दांतों में दर्द की समस्या है तो बबूल की फली की राख बनाकर दांतों को साफ करें इससे तुरंत दांतो के दर्द में आराम मिलेगा।
शरीर को मिलती है ऊर्जा- बबूल की फलियां खाने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है और शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है। बबूल की फली को पीसकर मिश्री के साथ खाना चाहिए।
खून के बहाव को रोकने में मदद- बबूल की पत्तियों का इस्तेमाल घाव को ठीक करने में कर सकते हैं इसकी पत्तियां खून का बहना रोकती है और संक्रमण से बचाती हैं।
दांत और मसूड़ों में आती है मजबूती- बबूल की छाल चबाने से दांतों और मसूड़ों को मजबूती मिलती है इससे मसूड़ों से खून आने की समस्या में आराम मिलता है।
गले के टॉन्सिल- बबूल के पेड़ का फायदा यहीं खत्म नहीं होता कई और बड़े फायदे हैं इसके। जिसमें से एक यह है कि यह गले के टॉन्सिल को ठीक करता है। इसके लिए बबूल की छाल को पानी में उबालकर पीना चाहिए।
मुंह के छाले- मुंह के छालों में आराम नहीं मिल रहा है और आप दवा खा-खाकर थक गए हैं तो बबूल की छाल को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें और मुंह के छालों पर लगाएं इससे बहुत जल्द ही मुंह के छाले खत्म हो जाएंगे।