आयुर्वेद गिलोय (Giloy), पपीता(Papaya) और तुलसी को कई सारी समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल करता है। गिलोयऔर तुलसीको एक जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय के जरिए कई सारी परेशानियों को दूर किया जाता है। तो वहीं, तुलसी (Tulsi) के जरिए मौसमी बीमारियों को दूर करने के साथ ही इम्यूनिटी बूस्ट (Immunity) करने में मदद मिलती है। पपीता पेट के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। गिलोय, पपीता और तुलसी(Tulsi) का रस एक साथ मिला दिया जाए तो ये किसी अमृत से कम नहीं होंगे। इनके सेवन से बैक्टीरिया, वायरल और मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। इनके रस के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिसके चलते कई बीमारियां नहीं होती हैं।
गिलोय पपीता रस के साथ तुलसी के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
त्वचा की रक्षा करें, कीड़ों को मारने और सूजन को कम करें
पुराने बुखार (fever) और बीमारियों का इलाज
प्लेटलेट्स (platelets) की संख्या बढ़ाता है
इसमें एंटी-एजिंग गुण (anti-ageing property) होते हैं जो त्वचा के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं
डेंगू और अन्य मलेरिया बुखार (malaria) के इलाज में सहायक
सर्दी और खांसी के साथ ही सांस से जुड़ी कई अन्य समस्याओं में राहत प्रदान करती है
अस्थमा, फेफड़ों के विकारों और तनाव को दूर करता है
त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है
श्वसन और हृदय रोगों के उपचार में सहायक।
कैसे करें इस्तेमाल
इसे इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक निर्देशानुसार का पालन करें।
किन्हें बरतनी चाहिए सावधानी
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों को भी इसे इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
ज्यादा खुराक न लें।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें
सीधे धूप से दूर ठंडी, सूखी और अंधेरी जगह में स्टोर करें
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।