पूर्णचंद्र रस एक आयुर्वेदिक दवा है जो ज्यादातर शीघ्रपतन, यौन शक्ति कम होने के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इस समस्याओं में यह बेहद ही लाभकारी होती है। अगर आपको शीघ्रपतन या भी यौन शक्ति से जुड़ी कई समस्याएं हैं तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा कई और दूसरी समस्याओं में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
इन कमजोरियों को दूर करती है
पूर्णचंद्र रस एक वाजीकारक औषधि है, यह स्त्री, पुरुष एवं दुर्बल रोगियों के लिए अत्यंत उत्तम दवा है। यह दो प्रकार का होता है पूर्णचंद्र रस और पूर्णचंद्र रस (वृहत)। इसमें लौह भस्म, अभ्रक भस्म, रस सिंदूर एवं शिलाजीत जैसे द्रव्य होते हैं जो सभी प्रकार की कमजोरियों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। आयुर्वेद में इसका काफी प्रयोग किया जाता है। गुप्त रोग के अलावा रात्रि में ज्यादा पेशाब होने और स्वप्नदोष के लिए ज्यादा लाभदायक है। इसके अलावा पेट में कृमि हो, पेट फूलना, निद्रा पूरी न होना के अलावा कई और फायदे हैं।
इसके सेवन से सभी प्रकार के धातु-रोग निर्मूल हो जाते हैं और शरीर में नया खून और नया जोश पैदा होता है। दिल और दिमाग में ताकत आती है, स्तम्भक शक्ति और काम शक्ति की जागृति होती है।
पूर्णचंद्र रस के फायदे
अगर आप स्वप्नदोष से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं तो पूर्णचंद्र रस का सेवन करें इससे जल्द छुटकारा मिल जाएगा।
नींद नहीं आती है तो भी इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
सुक्राणुओं को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
अगर मूत्र में किसी तरह की संक्रमण है तो इसके प्रयोग कर छुटकारा पाया जा सकता है।
ह्रदय को मजबूत करने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं।
इसके अलावा पूर्णचंद्र रस खांसी, सांस और पान शक्ति की बीमारियों में भी लाभकारी है।
पूर्णचंद्र रस का नियमित सेवन करने से नपुंसकता ,शीघ्रपतन ,वीर्य का पतलापन आदि में लाभकारी होता है।
पूर्णचंद्र रस की सेवन विधि
पूर्णचन्द्र रस की एक गोली सुबह और एक गोली रात में सोते वक्त लें। इसे लेते समय यह ध्यान में रखें कि इसके मक्खन, मलाई या मिश्री मिला गर्म दूध के साथ ही लें तो अधिक फायदा होगा।