नीम के पत्तों से लेकर नीम कौड़ी तक का प्रयोग कई रोगों के लिए प्राचीन समय से होता हा रहा है। यहां तक की पहले के समय में दातों के लिए नीम का दुतन ही इस्तेमाल किया जाता था। प्राचीन समय से ही हमारे पूर्वजों ने नीम के गुणों को पहचान कर कई बीमारियों को ठीक करने के लिए नीम का उपयोग करना शुरू कर दिया था।
पाए जाते हैं ये गुण
आज भी गांवों में फोड़े. फुंसी और त्वचा के विकारों के लिए नीम की छाल को घिस कर लगाया जाता है। नीम के पत्तों को अनाज भंडारण के दौरान अनाज के बीच में रखा जाता है क्योंकि नीम में एंटीबैक्टीरियल पाया जाता है और इससे कीड़े नहीं लगते हैं। नीम एक एंटीसेप्टिक, एंटी वायरल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-अल्सर तथा एंटीफंगल के गुण होते हैं। नीम द्वारा ही नीम घनवटी बनाया जाता है जिसके कई सारे फायदे हैं।
नीम घनवटी का मुख्य रूप से चर्म रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चर्म रोग के अलावा मुंहासे, एक्जिमा, खुजली और सोरायसिस जैसे रोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
खून साफ होता है
रक्त की अशुद्धि से कई रोग हो जाते हैं लेकिन प्रधान रूप से त्वचा से संबंधित रोग जल्दी होते हैं। नीम घनवटी का उपयोग करने से रक्त साफ होता है।
मधुमेह में नीम का उपयोग
मधुमेह में नीम का सेवन लाभदायक हो सकता है। इंसुलिन के स्तर और शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में नीम का रस उपयोगी हो सकता है।
नीम घनवटी से मुंह से सबंधित बिमारियों के लिए उपयोगनीम के एंटी बैक्ट्रियल गुणों के कारण यह मुंह के कीटाणुओं का अंत करता है, मसूड़ों की सूजन कम करता है और दांतों को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।
पेट के कीड़ों को खत्म करती है
नीम घनवटी या नीम के पत्तों के सेवन से पेट के कीड़े खत्म किया जा सकते हैं।