आयुर्वेद में बहुत सी ऐसी जड़ी बूटियां होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं उनमें से ही एक है चित्रकादि वटी। कई लोग इसके बारे में नहीं जानते, लेकिन अगर इसके लाभ जानने के बाद आप इसका सेवन जरूर करने लगेंगे। चित्रकादि वटी का सेवन बहुत सी समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। चित्रकादि वटी में प्रमुख रूप से 9 प्रकार के पदार्थो से मिलकर बनती है। जानते हैं इसके फायदे के बारे में।
चित्रकादि वटी के फायदे -
भूख बढ़ाने के लिए - अगर किसी व्यक्ति को कम भूख लगती है तो इसके लिए उसे सुबह एवं रात को दोनों समय चित्रकादि वटी का सेवन करना चाहिए। चित्रकादि वटी के सेवन से भूख बढ़ती है और खाने की इच्छा होगी।
दस्त की समस्या - दस्त की परेशानी होने पर पेट में आंव बनता है। जिसकी वजह से पेट में दर्द की परेशानी रहती है। इस प्रकार की परेशानी के उपचार के लिए चित्रकादि वटी का प्रयोग लाभदायक होता है।
कब्ज की समस्या - अगर किसी को अक्सर कब्ज की परेशानी रहती है तो चित्रकादि वटी इसके लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके लिए इस वटी का सेवन सुबह शाम पानी के साथ करना चाहिए।
चित्रकादि वटी को बनाने का तरीका -
चित्रकादि वटी को बनाने के लिए सबसे पहले चाहिए चित्रकमूल की जड़, पीपलामूल, सज्जीखार, सेन्धानमक, यवक्षार, सोंचर नमक, काला नमक, समुद्र का नमक, सांभर नमक, छोटी पीपल, घी में गरम की गई हींग, अजमोद, चव्य, सोंठ (सुखा हुआ अदरक), काली मिर्च। इन सभी चीजों को समान मात्रा में लेकर अच्छी तरह से कूट कर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए। इस तैयार चूर्ण को दाड़िम या विजोरा के रस में 1 से 2 दिन तक रख कर छोड़ दें। उसके बाद तैयार दवा को छोटी—छोटी गोलियों का रूप देकर उनको अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।