भुजंगासन करने का तरीका, 6 फायदे और 3 नुकसान-Bhujangasana Karne Ka Tarika, Fayde Aur Nuksan

भुजंगासन करने का तरीका, फायदे और नुकसान(फोटो-Sportskeeda hindi)
भुजंगासन करने का तरीका, फायदे और नुकसान(फोटो-Sportskeeda hindi)

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग (Yoga) करना बहुत जरूरी होता है, योग न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। वैसे तो योग में असंख्य आसनों के बारे में बताया गया है, लेकिन आज हम बात करने वाले है भुजंगासन (Bhujangasana) के बारे में, भुजंगासन को अग्रेंजी में कोबरा पोज (Cobra Pose) कहा जाता है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की आकृति कुछ सांप जैसी हो जाती है। भुजंगासन शरीर को फैलाता है और आपकी रीढ़, पेट, कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से को खोलता है। साथ ही भुजंगासन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है, तो आइए जानते हैं भुजंगासन करने का तरीका क्या होता है और इसको करने के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं।

भुजंगासन करने का तरीका, 6 फायदे और 3 नुकसान- Bhujangasana Karne Ka Tarika, Fayde Aur Nuksan In Hindi

भुजंगासन करने का तरीका

- सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं, हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें और माथे को जमीन से टिकाएं।

- फिर लंबी गहरी सांस भरते हुए हाथों पर वजन डालकर छाती को धीरे–धीरे ऊपर उठाएं। ध्यान रहें कि आपको पेट से नीचे शरीर का सारा हिस्सा ज़मीन से नहीं उठाना है।

- पैरों को उंगलियों के बल ही टिका कर रखें। पीठ जितनी मोड़ सकें आराम से उतनी ही मोड़ें।

- इस दौरान अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।

- अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

- कुल मिला कर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें।

भुजंगासन करने के फायदे

1- फेफड़ों (lungs) के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भुजंगासन करना काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि भुजंगासन में सांस लेने की प्रक्रिया का अभ्यास फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मददगार साबित होता है।

2- रीढ़ की हड्डी (spinal cord) के लिए भुजंगासन काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि भुजंगासन एक ऐसा योगासन है, जिसका प्रभाव मुख्य रूप से रीढ़ पर पड़ता है। यह आसन रीढ़ को लचीला और मजबूत बनाने में मददगार साबित होता है।

3- भुजंगासन के अभ्यास के दौरान कूल्हों की मांसपेशियों (hip muscles) का भी इस्तेमाल होता है और उनमें खिंचाव पैदा होता है। इसलिए अगर आप नियमित रूप से भुजंगासन करते हैं, तो इससे कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती है।

4- बढ़ता मोटापा (Obesity) कई बीमारियों को जन्म दे सकता है, इसलिए इसको कंट्रोल करने के लिए योग और एक्सरसाइज करना जरूरी होता है, ऐसे में अगर आप भुजंगासन करते हैं, तो इससे मोटापा कंट्रोल होता है।

5- आजकल हर किसी को किसी न किसी बात का तनाव (Stress) रहता है, लेकिन अगर आप नियमित रूप से भुजंगासन करते हैं, तो इससे इससे शारीरिक तनाव हो या फिर मानसिक, दोनों ही कम होता है।

6- साइटिका (sciatica) की शिकायत होने पर भी भुजंगासन का अभ्यास काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि अगर आप नियमित रूप से भुजंगासन करते हैं, तो इससे साइटिका के दर्द में आराम मिलता है।

भुजंगासन के नुकसान

1- गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान भुजंगासन नहीं करना चाहिए।

2- महिलाओं को पीरियड्स (Periods) के समय भुजंगासन नहीं करना चाहिए।

3- कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome) के दौरान इस योग को करने से बचना चाहिए।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।