खसखस एक औषधीय पौधा है, जिसके बीच का इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। इसके बीच का इस्तेमाल आमतौर पर लोग अस्थमा, कब्ज, खांसी, संक्रमण के कारण होने वाले दस्त, नींद न आने और वेसिकोएनेटिक फिस्टुला नामक स्थिति का निदान करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसके नुकसान भी हैं।
बता दें कि, खसखस का वर्णन प्राचीन आयुर्वेदिक संहिताओं में मिलता है। आयुर्वेद में खसखस ग्रास का विशेष महत्व है। भारत के अलावा यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, तुर्क में भी इसकी खेती होती है। किसी भी चीज को हम अगर अधिक मात्रा में लेते हैं तो उसका नुकसान हमे उठाना पड़ता है। खसखस का भी अधिक मात्रा में प्रयोग करने से शरीर पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
खसखस के नुकसान (KhasKhas ke nuksan)
खसखस का सेवन हमेशा डॉक्टर के सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में खसखस ग्रास का सेवन करने से हद से ज्यादा रेट भरा हुआ महसूस होता है।
सर्दी खांसी होने पर खसखस का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।
गर्भवती महिला या जो मां दूध पिलाती है वह खसखस का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
इसके अत्यधिक सेवन से एलर्जी हो सकती है
जहां खसखस हमारे पेट संबंधी समस्याओं को खत्म करने में लाभकारी है तो वहीं अगर हम इसका अधिक सेवन कर लेते हैं तो कब्ज की समस्या से जूझ सकते हैं।
इसके अलावा इसका ज्यादा सेवन करने से सुस्ती हो सकती है साथ मतली भी। इसलिए जब भी इसका सेवन करें तो किसी डॉक्टर की सलाह जरूर लें ले और अधिक मात्रा में सेवन करने से बचे।
खसखस के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं, उल्टी, मुंह के अंदर सूजन, हीव्स, आंखों में सूजन, कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis), सांस लेने में दिक्कत होना। खसखस के बीज को सूंघने से एलर्जी की समस्या जैसे त्वचा का लाल होना और त्वचा के अंदर सूजन होना संभावित है।