दिमागी बुखार के लक्षण- Dimagi bukhar ke lakshan

दिमागी बुखार के लक्षण Image: freepik
दिमागी बुखार के लक्षण Image: freepik

दिमागी बुखार एक गंभीर बीमारी है जिसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो जान भी जा सकती है। इसकी चपेट में आकर हर साल बड़ी संख्या में बच्चे और बड़े अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। बता दें कि दिमागी बुखार को इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। दिमागी बुखार हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाला यह रोग मानव मस्तिष्क से जुड़ा रोग है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं में विभिन्न कारणों से सूजन आ जाती है। दुनिया भर में इस सिंड्रोम के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 फरवरी को 'विश्व इंसेफेलाइटिस दिवस' भी मनाया जाता है।

दिमागी बुखार के लक्षण

दिमागी बुखार दो प्रकार का होता है- प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी इंसेफेलाइटिस में वायरस मस्तिष्क को सीधे प्रभावित करता है। जबकि सेकेंडरी इंसेफेलाइटिस में संक्रमण शरीर के किसी अन्य हिस्से से होते हुए मस्तिष्क में फैलता है। समस्या के ज्यादा बढ़ने पर रोगी की अवस्था गंभीर भी हो सकती है। इसलिए बहुत जरूरी है की समय रहते लक्षणों को जानकर इस बीमारी का इलाज किया जाए।

दिमागी बुखार के शुरुआती लक्षण

तेज बुखार,

सिर दर्द

रोशनी को लेकर संवेदनशीलता

गर्दन में अकड़ाहट

उल्टी आना

दिमागी बुखार छोटे बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। वहीं इसका समय रहता इलाज नहीं होने के कारण कई बार बच्चों की जान भी चली जाती है। बच्चों में नजर आने वाले इंसेफेलाइटिस के लक्षण इस प्रकार है।

उल्टी और मितली

लगातार रोना

शरीर में ऐंठन

भूख ना लगना

ब्रेस्टफीडिंग ना करना

चिड़चिड़ापन

सही समय पर इलाज जरूरी

दिमागी बुखार में यदि सही समय पर सही इलाज ना मिले, तो उसके कई तरह के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। गंभीर परिणाम में याद्दाश्त भूल जाना, व्यवहार का बदल जाना, पक्षाघात तथा मिर्गी के दौरे पड़ना आदि, इसलिए बहुत जरूरी है कि दिमागी बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सक की सलाह ली जाए और जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जाए।