मेनिनजाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (मेनिन्जेस) के आसपास की मेंब्रेन की सूजन का कारण बनता है। यह आमतौर पर वायरस के कारण होता है लेकिन, कुछ मामलों में बैक्टीरिया फंगस के कारण भी हो सकता है। रीढ़ की हड्डी में मस्तिष्क को मेनिन्जेस की तीन झिल्लियों से ढक जाता है। ऐसे में अगर इसके आसपास मौजूद लिक्विड संक्रमित हो जाए तो यह मेनिनजाइटिस इसका कारण है। जिसके चलते, दिमागी बुखार हो सकता है। यह बीमारी वायरल, फंगल, बैक्टीरियल, कोनिक रूप में हो सकती है।
मेनिनजाइटिस के लक्षण |symptoms of meningitis
बुखार और ठंड लगना
उल्टी का आना
गर्दन में अकड़न महसूस करना
सिर दर्द की परेशानी होना
भ्रम की स्थिति पैदा होना
बैठे-बैठे दौरा पड़ना
गले में खराश होना
कई लक्षण ऐसे होते है जो नजर नहीं आते, जैसे कमजोरी या कपकपाहट
जोड़ों में सूजन या दर्द चेहरे पर निशान दिखना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
बदलते मौसम में दिमागी बुखार का खतरा अधिक रहता है।
मेनिनजाइटिस का बचाव (prevention of meningitis)
मेनिनजाइटिस एक संक्रामक रोग है इसलिए इसके लिए सावधानियां बरतनी काफी जरूरी है। इसके लिए नियमित अंतराल पर अपने हाथों को धोएं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के समय मुंह को ढक कर रखना चाहिए। घर में कोई व्यक्ति मेनिनजाइटिस से पीड़ित है तो ऐसे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है।
मेनिनजाइटिस में साफ़-सफाई जरूरी है (Cleanliness is essential in meningitis)
मेनिनजाइटिस के होने का खतरा बदलते मौसम में ज्यादा रहता है। ऐसे में साफ-सफाई काफी जरूरी हो जाती है, इससे संक्रमण का जोखिण कम हो जाता है। इसके लिए कोई भी चीज किसी से साझा नहीं करने चाहिए। खासकर टूथपेस्ट, टॉवल, साबुन आदि चीजों के सार्वजनिक इस्तेमाल से परहेज करें।
मेनिनजाइटिस होने पर पानी अधिक पीएं (drink more water if you have meningitis)
मेनिनजाइटिस होने पर डॉक्टर अधिक पानी पीने का सलाह देते हैं। रोजाना 2-3 लीटर पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।