रनिंग करने का सही तरीका और स्टैमिना कैसे बढ़ाएं

लोगों को लगता होगा कि रनिंग करने के लिए बस उठो, जूते पहने और दौड़ पड़ो। अक्सर लोग इसी तरह से रनिंग करते हैं और कुछ समय बाद उनके लिए तकलीफ पैदा होने लग जाती है। इसकी वजह रनिंग करने के सही तरीके के बारे में जानकारी का अभाव है। दरअसल रनिंग करना एक विज्ञान है। जिस तरह क्रिकेट में तकनीक अच्छी होने पर बल्लेबाज़ बिना दिक्कत लंबी-लंबी पारियां खेल सकता है। उसी तरह सही तरीके से की गई रनिंग की वजह से आप लंबा दौड़ सकते हैं, जिससे स्टैमिना भी बढ़ेगा। स्टैमिना जितना ज्यादा होगा, उतनी ही देर तक दौड़ने के चांस रहेंगे। यहां हम रनिंग की तकनीक और स्टैमिना बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे। रनिंग करने के सही तरीके से जुड़ी बातें:

सिर की पोजीशन

कुछ लोग होते हैं जोकि रनिंग करते हुए कभी नीचे देखते हैं, कभी ऊपर तो कभी दाएं-बाएं नजर घुमाते रहते हैं। ये रनिंग करने का बिल्कुल ही गलत तरीका है। रनिंग करते वक्त हमारा सिर एकदम सामने की तरफ होना चाहिए। अगर सिर नीचे या ऊपर की तरफ झुका रहेगा तो गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। आप अभी गर्दन को ऊपर नीचे कर इसे आजमा सकते हैं। आपको समझ आ गया होगा कि हम क्या कहना चाह रहे हैं। भागते वक्त ना तो ज्यादा आगे की तरफ झुके और ना पीछे की तरफ। कोशिश करें कि आपका शरीर रनिंग के वक्त थोड़ा सा आगे झुका रहे।

हाथों की पोजीशन

रनिंग में हाथों की मूवमेंट का बहुत ही बड़ा योगदान है। हाथ अगर सही पोजीशन में रहें, तो एक सही तकनीक की वजह से आपकी स्पीड में काफी इजाफा हो सकता है। दौड़ते समय अपने हाथों को कंधे से 90 डिग्री के कोण पर रखें। जब आप भाग रहे हों तो ध्यान दें कि हाथ आगे-पीछे जाते वक्त आपकी पसलियों और कोहनी के बीच ज्यादा गैप ना बने। हाथों को ऐसी मूवमेंट में ना रखें कि दायां हाथ, बाएं हाथ की तरफ जा रहा हो। भागते वक्त आपकी दोनों हथेलिया या मुट्ठी, कूल्हे से ठोडी तक आती जाती रहे। इससे आपको मोमेंटम मिलेगा और स्पीड बढ़ेगी।

पैरों की लैंडिंग

ये रनिंग करने का सबसे अहम पहलू माना जा सकता है। ज्यादातर लोगों का रनिंग को लेकर सवाल होता है कि पैर लैंड कराते वक्त पंजों के बल लैंडिंग होनी चाहिए या फिर हील के बल। अक्सर लोग रनिंग करते वक्त पहले हील को जमीन से छूते हैं और फिर उनके पंजे नीचे आते हैं। ये बिल्कुल ही गलत है। हील जमीन पर पहले छूने की वजह से शरीर का सारा भार टखनों के जरिए होता हुआ घुटनों तक आएगा। अगर हम लंबे समय से इसी तरह से रनिंग करते रहें तो घुटनों में परेशानी आ सकती है। ऐसा ही पंजों की सबसे पहले लैंडिंग कराने पर हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आपका पैर एकदम सीधा जमीन पर लैंड हो। इसकी वजह से शरीर के सभी हिस्सों पर बराबर दबाव पड़ेगा और परेशानी नहीं आएगी। सीमेंटेड रोड पर दौड़ने से परहेज करें।

स्टैमिना बढ़ाने के उपाय:

निरंतरता रखें

कोई भी चीज़ 2-4 दिनों तक करने से एकदम परफेक्ट नहीं हो जाती। किसी भी चीज़ में परफेक्शन हासिल करने के लिए लंबे समय तक उस पर काम करना पड़ता है। यही बात रनिंग पर भी लागू होती है। अगर आप स्पीड, स्टैमिना बढ़ाना चाहते हैं हफ्ते में कम से कम 5 दिन रनिंग जरूर करें। इस वजह से शरीर की सभी मसल्स एक्टिव रहेंगी। रोजाना रनिंग करने से पहले थोड़ी सी स्ट्रैचिंग कर लें, ताकि भागने से पहले शरीर की सोई हुई मांसपेशियां पूरी तरह से खुल जाएं।

हर दिन कुछ एक्स्ट्रा दौड़ें

मान लीजिए आप आज से ही रनिंग स्टार्ट कर रहे हैं तो पहले करीब हफ्ते दस दिन नॉर्मल दूरी तय करें। लेकिन जैसे-जैसे आपका शरीर खुलता जाए रोजाना रनिंग में थोड़ा समय बढ़ाते जाएं। अगर आप शुरुआत में 10 मिनट रनिंग करते हैं, तो कोशिश करें कि हर दिन के साथ एकाध मिनट इजाफा करते रहें। इससे यकीनन आपका स्टैमिना बढ़ेगा।

पैदल चलने या सैर करने से भी बढ़ा सकते हैं स्टैमिना

वॉक करने से भी स्टैमिना बढ़ाया जा सकता है। आपने लोगों को पार्कों में घूमते और टहलते देखा होगा, ज्यादातर लोग एक ही पेस (रफ्तार) पर चलते रहते हैं। इससे शरीर को ज्यादा फायदा नहीं होता। अगर शरीर पर प्रभाव और स्टैमिना बढ़ते हुए देखना चाहते हैं तो हर चक्कर के साथ स्पीड़ बढ़ाएंगा। मान लीजिए आप जिस पार्क में जा रहे हैं, उसका एक राउंड 4 मिनट में पूरा करते हैं, तो अगले राउंड में आपकी कोशिश होनी चाहिए कि वही चक्कर 3 मिनट 55 सेकेंड में पूरा करें। फिर अगले चक्कर में कुछ सेकेंड कम लें। अगर आप रोजाना यही तरीका अपनाएंगे तो स्टैमिना जरूर बढ़ेगा।

आराम और खाना

हफ्ते के सातों दिन रनिंग करना ठीक नहीं होता। शरीर को रिकवर होने के लिए समय देना चाहिए। 5 दिन भी रनिंग करना शरीर के लिए अच्छा रहेगा। रनिंग करते हुए आपका पूरे शरीर का वर्कआउट होता है और मसल्स को रिकवर करने के लिए अच्छे हेल्थी खाने की जरूरत होती है। पौष्टिक खाना खाएं, ताकि उससे शरीर को फायदा पहुंचे।

अपनी लिमिट को पुश करें

जब तक आप अपने कंफर्ट जोन से नहीं निकलेंगे, जब तक मनचाहा रिजल्ट नहीं हासिल कर सकेंगे। नॉर्मल रनिंग के बाद कुछ 100 मीटर के लिए तेज़ भागें और तब तक भागें, जब तक सांस ऊपर ना चढ़ आए। खुद को जितना पुश करेंगे, उतने ही अच्छे रिजल्ट आएंगे। इसके अलावा संयम रखें।