साउथ एशियन गेम्स की शुरुआत 1 दिसंबर से काठमांडु में होने वाली है और कबड्डी इवेंट में भारतीय टीम का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है और टीम ने 9 गोल्ड मेडल जीते हैं। हाल ही में कोंचिंग कैंप के लिए भारतीय टीम के संभावित खिलाड़ियों का ऐलान हुआ था और इसमें भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर को जगह नहीं मिली।
अजय ठाकुर के अलावा रोहित कुमार, सिद्धार्थ देसाई, मनिंदर सिंह जैसे स्टार खिलाड़ियों को भी जगह नहीं मिली। स्पोर्ट्सकीड़ा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन खिलाड़ियों ने 66वें नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप मे हिस्सा नहीं थे और जिन खिलाड़ियों ने नेशनल्स में अच्छा किया उन्हें ही टीम के संभावितों में जगह मिली है।
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अब अजय ठाकुर टीम का हिस्सा नहीं है, तो साउथ एशियन गेम्स के लिए नया कप्तान मिलना तय है। आइए 3 खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जो साउथ एशियम गेम्स में भारतीय कबड्डी टीम की कप्तानी कर सकते हैं:
#3 परदीप नरवाल
परदीप नरवाल काफी समय से भारतीय कबड्डी टीम का हिस्सा था। वो टीम के साथ रहते हुए 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप, 2017 एशियन कबड्डी चैंपियनशिप और 2018 दुबई कबड्डी मास्टर्स का खिताब जीत चुके हैं। परदीप नरवाल का प्रदर्शन भले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतना शानदार नहीं रहा, लेकिन कप्तानी में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
परदीप नरवाल बतौर कप्तान भारतीय रेडिंग को लीड कर सकते है। प्रो कबड्डी में भी कप्तान के तौर पर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है और साथ ही में अपनी कप्तानी में टीम को खिताबी जीत दिला चुके हैं।
#4 नितेश कुमार
राइट कॉर्नर पोजीशन पर नितेश कुमार लगातार अच्छा कर रहे हैं। वो पीकेएल के एक सीजन में 100 टैकल पॉइंट्स हासिल करने वाले इकलौते खिलाड़ी भी हैं। नितेश के प्रदर्शन को देखते हुए पीकेएल 7 में यूपी योद्धा ने टीम का कप्तान भी बना दिया।
नितेश ने सीजन 7 में 23 मुकाबलों में 75 टैकल पॉइंट्स हासिल किए हैं। उनकी कप्तानी में टीम ने प्लेऑफ तक का सफर तय किया। कप्तानी के बावजूद उनके प्रदर्शन में ज्यादा फर्क देखने को नही मिला है। शायद उन्हें साउथ एशियन गेम्स के लिए टीम की कप्तानी मिल जाए।
#1) दीपक निवास हूडा
साउथ एशियन गेम्स में दीपक निवास हूडा सबसे अनुभवी खिलाड़ी होने वाले हैं। दीपक ने भारतीय कबड्डी टीम में 2016 साउथ एशियन गेम्स में डेब्यू किया, जहां टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप में भी काफी अहम भूमिका निभाई थी।
दीपक हूडा को कप्तानी का अनुभव भी है। वो पुनेरी पलटन और जयपुर पिंक पैंथर्स की कप्तानी कर चुके हैं। उनके पास अनुभव की कमी बिल्कुल भी नहीं है और वो जानते हैं कि खिलाड़ियों का इस्तेमाल किस तरह करना है। वो रेडिंग के साथ डिफेंस भी करते हैं और निश्चित ही टीम उनकी कप्तानी में 10वीं बार गोल्ड मेडल जीत सकती हैं।