Teams With Longest Unbeaten Streak in PKL: प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) का 11वां सीजन हाल ही में समाप्त हुआ है। हरियाणा स्टीलर्स ने पटना पाइरेट्स को फाइनल में हराते हुए पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। PKL के 11 सीजन बीत जाने के बाद भी हर सीजन कुछ ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिलते हैं जो इस लीग के रोमांच को और भी बढ़ाते रहे हैं। इस लीग में खिलाड़ियों के लगातार पॉइंट लाने से लेकर टीमों के लगातार जीतने के कई शानदार स्ट्रीक देखने को मिले हैं। इसी कड़ी में आइए एक नजर डालते हैं उन तीन टीमों पर जो लगातार सबसे अधिक मैचों में अजेय रही हैं।
#3 जयपुर पिंक पैंथर्स (13 मैच)
दो बार की चैंपियन जयपुर 10वें सीजन की शुरुआत में काफी मुश्किलों में दिखाई दे रही थी और पहले चार में से केवल एक ही मैच में जीत हासिल कर पाई थी। सुनील कुमार की कप्तानी में टीम ने जबरदस्त वापसी की थी और इसके बाद लगातार 13 मैच खेलने के बाद उन्हें एक भी मैच में हार का सामना नहीं करना पड़ा।
सीजन के पांचवें मैच में पटना के खिलाफ जीत के साथ शुरू हुए इस अभियान में 11 जीत और दो टाई मुकाबले शामिल रहे। पटना ने ही जयपुर के इस विजयरथ को रोका भी था। जयपुर ने अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रहते हुए ग्रुप स्टेज की समाप्ति की थी, लेकिन उन्हें सेमीफाइनल में हार झेली पड़ी।
#2 पुनेरी पलटन (14 मैच)
नौवें सीजन में ट्रॉफी के बेहद करीब पहुंचने वाली पुनेरी पलटन ने अगले सीजन जोरदार प्रदर्शन किया। जयपुर के खिलाफ नौवें सीजन का फाइनल गंवाने के बाद पुनेरी ने अगले सीजन पहले 12 में से 10 मैच जीतकर सभी टीमों को साफ संदेश भी दे दिया था। पुनेरी ने फाइनल जीतते हुए लगातार 12 मैच ऐसे खेले जिनमें उन्हें हार नहीं मिली थी। पुनेरी का विजय अभियान 11वें सीजन में रुका। इस सीजन में शुरुआती दो मैच लगातार जीतते हुए 14 मैचों तक उन्होंने एक भी बार हार का मुंह नहीं देखा था।
#1 दबंग दिल्ली (15 मैच)
लगातार 15 मैच खेलने के बाद भी हार नहीं झेलने वाली दिल्ली इस लिस्ट में नंबर एक पर है। 11वें सीजन में पहले सात में से पांच मैच हारने के बाद दिल्ली के लिए सीजन की शुरुआत काफी निराशाजनक रही थी। आशू मलिक की अगुवाई में टीम ने बेहतरीन वापसी करते हुए आलोचकों का मुंह बंद कर दिया और अगले 15 में से 11 मुकाबले जीते तो वहीं चार मैच टाई खेले। इतना बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद दिल्ली को सेमीफाइनल में हार मिली और उनका विजयरथ रुक गया।