भारतीय कबड्डी टीम और प्रो कबड्डी लीग में जयपुर पिंक पैंथर्स के कप्तान दीपक हूडा ने बताया कि जब कोरोना वायरस महामारी के कारण देश लॉकडाउन में था, तब भी वह अपनी फिटनेस और अभ्यास से किसी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं थे। 26 साल के ऑलराउंडर दीपक हूडा ने अपने घर की छत को जिम बना लिया था और वहीं उन्हें वजन ट्रेनिंग की। रोहतक के कबड्डी खिलाड़ी दीपक हूडा ने कहा, 'मैं झूठ नहीं कहूंगा, लेकिन शुरूआत में काफी मुश्किल था। मगर मेरे लिए कारगर यह हुआ कि लॉकडाउन घोषित होने से कुछ दिनों पहले ही मैंने वजन का सामान खरीदा था। इसका असर यह हुआ कि मैंने अपने घर की छत पर जिम बना लिया और मैं रोजाना अभ्यास करता था व अपनी वजन ट्रेनिंग करता था।'
दीपक हूडा ने आगे कहा, 'मैं घर के पास वाले हाईवे हो या हमारे यहां के मैदान। सुबह उठकर दौड़ लगाने जाता था। कोशिश होती थी कि रोजाना 10-15 किमी दौड़ लगा सकूं।' हर अन्य खिलाड़ी की तरह दीपक हूड को भी प्रो कबड्डी लीग सीजन के शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण अन्य कई खेल इवेंट्स की तरह पीकेएल भी रद्द हो गया था। यह सीजन पैंथर्स व दीपक हूडा दोनों के दोबारा उदय का माना जा रहा था। शानदार शुरूआत के बावजूद दीपक हूडा की टीम बेपटरी हुई और लगातार मुकाबले गंवाकर उसे क्वालीफाई होने से रोक दिया।
प्रो कबड्डी लीग में कमाल को बेकरार दीपक हूडा
दीपक हूडा ने कहा, 'हमने टूर्नामेंट के बीच में अपने तीन-चार प्रमुख खिलाड़ियों को गंवा दिया। चेन्नई पहुंचने के बाद मैं भी बीमार सा महसूस कर रहा था। इसलिए हमने अपनी लय गंवाई और लय में लौटने में काफी समय लिया। यही वजह रही कि हम क्वालीफाई नहीं कर सके। जब इस साल लीग स्थगित हुई तब हम भी निराश थे, क्योंकि टीम के रूप में हम बेहतरीन प्रदर्शन करने को उत्सुक थे। मगर हम खुश हैं कि अगले महीने अगले साल की लीग और नीलामी की तारीख घोषित होने वाली है।'
फ्रेंचाइजी के कोच श्रीनिवास रेड्डी ने भी दीपक हूडा के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पैंथर्स के थिंकटैंक ने अपनी टीम के बारे में पता कर लिया था और अगली नीलामी के लिए उनकी योजना तैयार थी ताकि अपनी टीम मजबूत बना सके।
पैंथर्स के कप्तान और कोच ने भी संस ऑफ द सोईल वेब डॉक्यूमेंट्री में अपने विचार साझा किए, जिसका प्रसारण एमेजॉन प्राइम वीडियो पर होगा। बहरहाल दीपक हूडा ने कहा, 'शुरूआत में हमें कुछ परेशानी हुई क्योंकि अगर शॉट्स सही नहीं आए तो हमें अपना अभ्यास दोबारा करना होता था। मगर धीरे-धीरे यह आम हो गया। यह अब हमारे परिवार का हिस्सा हैं। शूटिंग मेरे लिए एकदम नया अनुभव है क्योंकि मैंने पहले कभी कैमरा का सामना नहीं किया। मगर दिन गुजरते हुए, हम भूल गए कि हमारी शूटिंग हो रही है और सब ठीक से होने लगा।'