बेंगलुरू, 22 फरवरी, 2022। प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का आठवां सीजन अंतिम पड़ाव पर है। अब सिर्फ तीन मुकाबले बचे हैं। दो सेमीफाइनल और एक फाइनल। इसके बाद लीग इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिस्पर्धी सीजन को चैम्पियन मिलेगा, जो सम्भवतः नया भी हो सकता है।
फाइनल में कौन सी टीमें भिड़ेंगी, इसका फैसला 23 फरवरी को हो जाएगा, जब एक ही दिन में होने वाले दो सेमीफाइनल मुकाबलों में तीन बार के चैम्पियन पटना पाइरेट्स का सामना यूपी योद्धा से होगा और फिर बेंगलुरू बुल्स सामना बीते सीजन के फाइनलिस्ट दबंग दिल्ली केसी से होगा।
खिताबी हैट्रिक लगाने वाली लीग इतिहास की पहली टीम पटना ने 16 जीत के साथ सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। उसकी विऱोधी टीम यूपी लीग स्तर पर तीसरे स्थान पर रही थी और फिर उसने पहले एलिमिनेटर में पुनेरी पल्टन को एकतरफा अंदाज में हराते हुए सेमीफाइनल का टिकट हासिल किया था।
उस मैच में यूपी के लिए उसके स्टार रेडर परदीप नरवाल ने तीन सुपर रेड के साथ 18 अंक जुटाए।दूसरे सेमीफाइनल मैच में बेंगलुरू का सामना दिल्ली से होगा। पटना की तरह दिल्ली ने भी सीधे सेमीफाइनल में जगह बनाई थी जबकि बुल्स ने लीग स्तर पर अपने अंतिम मैच में शानदार प्रदर्शन कर एलिमिनेटर में जगह बनाई और फिर हाई फ्लायर पवन सेहरावत की चमक के दम पर गुजरात के डिफेंस को बौना साबित कर सेमीफाइनल खेलने का हक हासिल किया।
पहला सेमीफाइनल- पटना बनाम यूपी
परदीप नरवाल ने पटना के साथ पांच सीजन बिताए। वह लीग के बीते सीजन में भी पटना के साथ थे लेकिन अब वह यूपी के तारणहार हैं। परदीप के बगैर पटना के प्लेइंग-7 की कल्पना करना मुश्किल था। साथ ही यह भी देखना चुनौतीपूर्ण था कि परदीप के बगैर पटना किस तरह हालात में खुद को ढालती है।
पटना ने परदीप के दम पर लगातार तीन बार खिताब जीता था लेकिन अब परदीप उसके खिलाफ खड़े होंगे। यह काफी रोचक स्थिति होगी। कोच राममेहर सिंह ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि उन्होंने ही परदीप को सुपरस्टार रेडर बनाया था। यह सच भी है लेकिन अब यह देखना रोचक होगा कि राममेहर के पास परदीप को रोकने की क्या
रणनीति होगी क्योंकि बीते कुछ मैचों में परदीप जिस तरह के फार्म में दिखे हैं, उसे देखते हुए यह साफ है कि परदीप को रोके बगैर पटना फाइनल में नहीं पहुंच सकती। परदीप ने सीजन की शानदार शुरुआत की थी लेकिन मध्य में वह मध्यम पड़ गए थे और कुछ मौके ऐसे भी आए थे जब उन्हें सब्सीट्यूट कर दिया गया था।
लीग इतिहास के सबसे सफल रेडर के लिए यह अपनी साख पर बट्टा लगने जैसा मौका था और इसी कारण परदीप ने बेहतरीन वापसी करते हुए बीते पांच मैचों में 70 के करीब रेड अंक हासिल कर यूपी को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया। अब अगर परदीप को रोकना है तो पटना के डिफेंस को चलना पड़ेगा और इसमें उसके टाप डिफेंडर
मोहम्मदरेजा शादलू का अहम रोल होगा, जिनके नाम अब तक 9 हाई-5 हैं। साथ ही रेडिंग विभाग में सचिन तंवर, गुमान सिंह और मोनू गोयत को चलना होगा। जहां तक यूपी की बात है तो उसे शादलू की चुनौती को पार पाते हुए अंक निकालने होंगे औऱ इसमें परदीप के अलावा सुरेंदर गिल अहम किरदार निभाएंगे, जिनके इस सीजन में परदीप से अधिक अंक हैं।
दूसरा सेमीफाइनल – बुल्स बनाम दिल्ली
पिछली बार की उपविजेता दबंग दिल्ली दूसरे सेमीफाइनल में बुल्स से भिड़ेगी। सेमीफाइनल तक के अपने सफर में दोनों टीमों के बीच काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उनके प्रदर्शन में उनके कप्तानों और पीकेएल के शीर्ष रेडरों- दिल्ली के नवीन कुमार और बुल्स के पवन सहरावत की अहम भूमिका रहा।
अब आगे भी इन दोनों का प्रदर्शन तय करेगा कि खिताबी मुकाबले में कौन उतरेगा। दूसरे एलिमिनेटर में बुल्स ने गुजरात को 49-29 से हराकर यह साबित किया कि उसे हल्के में लेना दिल्ली के लिए भारी पड़ सकता है। लीग मैचों में दिल्ली की टीम बुल्स के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर पाई। उस मैच में बुल्स ने दिल्ली को 61-22 से हराया था। उस मैच में नवीन नहीं खेले थे।
यह वही मैच था, जिसमें पवन ने इस सीजन में एक मैच में सर्वाधिक रेड अंक बनाए थे (27 रेड में से 27 अंक)। उस मैच में दिल्ली के डिफेंस ने किया आत्मसमर्पण किया था और 25 असफल टैकल किए थे। हालांकि इन दोनों टीमों के बीच का दूसरा मैच टाई रहा था। बुल्स के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह रही है कि पवन अगर आउट हुए है तो वह बड़ी मुश्किल से रिवाइव हुए हैं।
बुल्स को अगर जीतना है तो पवन को जब तक संभव हो कोर्ट पर बने रहने की जरूरत है। इसके लिए बुल्स के दूसरे रेडरों और डिफेंस को लगातार सक्रिय रहना होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि अपनी कमजोरियों पर काम करने के अलावा बुल्स को नवीन को रोकने की जरूरत होगी। इसके लिए बुल्स के दोनों कार्नर को ठीक से काम करना होगा और असफल टैकल से बचना होगा।
अगर दिल्ली की बात करें तो नवीन के अलावा दूसरे रेडरों को उनका साथ देना होगा औऱ साथ ही संदीप नरवाल, मंजीत छिल्लर और जोगिंदर नरवाल से लैस सबसे अनुभवी डिफेंस को पूरे आत्मविश्वास के साथ पवन के साथ-साथ चंद्रन रंजीत और भरत को रोकते हुए अपने रेडरों को आत्मबल प्रदान करने का प्रयास करना होगा।
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